पुलिस बोली पीएमओ से नहीं मिली रिपोर्ट; पीएमओ बोला बोर्ड गठित किया, रिपोर्ट नहीं मिली
शहर के रॉय कॉलोनी निवासी एक चार वर्षीय मासूम बालक का हाथ फ्रैक्चर होने के बाद उपचार के दौरान एक चिकित्सक की लापरवाही के चलते टेढ़ा होने का मामला सामने आया है। चिकित्सक पर मासूम बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि चिकित्सक की लापरवाही के चलते हाथ टेढ़ा हो गया है, जिसका ऑपरेशन अब नहीं होगा। पीड़ित के पिता ने लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई व मुकदमा दर्ज करवाने के लिए थाने में रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने पीएमओ ने जांच रिपोर्ट मांगी,जोअब तक पुलिस को नहीं मिली है।
रॉय कॉलोनी निवासी सवाईराम पुत्र स्वरूपचंद ने पुलिस अधीक्षक के नाम रिपोर्ट पेश कर बताया कि चार वर्षीय पुत्र तनीष का 31 दिसंबर काे दिन घर में फिसलने से हाथ फ्रैक्चर हो गया। तनीष के उपचार करवाने के लिए बाड़मेर के जॉइंट हॉस्पीटल ट्रोमा एंड डेंटल केयर रॉय कॉलोनी डॉ.सुरेंद्रसिंह के पास चेकअप करवाया। इस पर डॉक्टर ने एक्सरे करवाकर साधारण चोट का हवाला देकर कच्चा प्लास्टर कर पांच दिन बाद पुन: जांच करने को कहा। पांच दिन बाद जांच करवाई तो डॉक्टर ने 21 दिन के लिए प्लास्टर किया।
21 दिन बाद पुन: जांच के लिए पहुंचे तो डॉक्टर ने प्लास्टर मशीन से खोला। इसके बाद पुन: एक्सरे करवाया। इसमें तनीष का हाथ टेढ़ा हो गया। डॉक्टर से पूछा तो कहा कि अब हाथ का बड़ा ऑपरेशन होगा, जिसका खर्च पांच लाख रुपए आएगा। जब गारंटी का पूछा तो मुझे ट्रोमा सेंटर से धक्के देकर बाहर निकाल दिया।
इसके बाद कई बड़े अस्पतालों में जांच करवाई, लेकिन सभी ने हाथ को सही नहीं होने का हवाला दिया है। यह रिपोर्ट 19 फरवरी को एसपी को पेश की गई। इसके बाद एसपी ने मामला कोतवाली थाने भेजा, पुलिस ने पीएमओ से रिपोर्ट मांगी है। जो अभी तक नहीं मिली है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि लंबे समय से न्याय के लिए दर–दर की ठोकरें खा रहा हूं।
दूसरे अस्पतालों में कहा अब हाथ सीधा नहीं होगा
10 दिन पहले किया जांच के लिए बोर्ड गठित
पुलिस के पास रिपोर्ट पहुंचने के बाद पीएमओ ने जांच रिपोर्ट मांगी। इसके बाद पीएमओ ने 9 मार्च को एक आदेश जारी किया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से एक पत्र मिला है। इसमें बताया कि सवाईराम ने डॉ. सुरेंद्रसिंह द्वारा लापरवाही से उपचार करने का आरोप लगाया है।
प्रार्थी सवाई ने डॉ.सुरेंद्रसिंह चौधरी द्वारा पुत्र तनीष के उपचार में लापरवाही बरतने व हमेशा के लिए विकलांग करने के संबंध में परिवाद प्रस्तुत किया है। इस संबंध में मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण करवा कर बोर्ड से जांच रिपोर्ट चाही गई है। इस पर पीएमओ मेडिकल बोर्ड गठित किया। इसमें अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. सवाईसिंह, विशेषज्ञ सर्जरी डॉ. प्रहलादराम कालवा, विशेषज्ञ औषध डॉ. अनिल सेठिया को शामिल किया।
टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार की, लेकिन स्वीकार नहीं
यह सामने आया है कि स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बोर्ड गठित होने के बाद सदस्यों ने मासूम बच्चें का परीक्षण किया, साथ ही जांच रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें यह लिखा है कि हाथ फ्रैक्चर के बाद ऑपरेशन की जरूरत थी, लेकिन नहीं किया गया है। संभवत: जांच रिपोर्ट में चिकित्सक की ओर से लापरवाही बरतने का जिक्र है। हालांकि जांच रिपोर्ट उजागर नहीं हुई है। पीएमओ ने स्वीकार किया है कि रिपोर्ट हमें मिली भी नहीं है।
शिकायत मिली थी, लेकिन उसका कोई हाथ खराब नहीं हुआ है। बड़ा होने पर उसका ऑपरेशन हो सकेगा। पुलिस ने प्रकरण की रिपोर्ट मांगी थी, इसलिए हमने इसकी जांच के लिए पांच सदस्यीय चिकित्सकों की टीम का एक बोर्ड गठित किया था, लेकिन बोर्ड ने रिपोर्ट नहीं दी है। – डॉ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ
रिपोर्ट मिली थी, उसके बाद मेडिकल जांच के लिए पीएमओ को लिखा गया था, लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। – नींबसिंह भाटी, उपनिरीक्षक, कोतवाली थाना।
परिवाद मिलने के बाद प्रकरण कोतवाली भेज दिया था। कल जांच अधिकारी से पता करवाते हैं कि अब तक क्या हुआ है? मामले में क्या स्थिति है? – नरपतसिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर