बालोतरा में जहां लगातार नाहटा अस्पताल में अनियमितताओं और लापरवाहियों की खबरें मीडिया में आने के बाद नाहटा अस्पताल के पीएमओ ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया।
पीएमओ भवानी शंकर गहलोत ने जिला अस्पताल में पोस्टर चस्पा कर अस्पताल के अंदर ही नहीं बल्कि प्रांगण में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर रोक लगा दी है। जिला अस्पताल की दीवारों में चस्पा पोस्टर में 4 बिंदु लिखकर फोटोग्राफी एवम् वीडियोग्राफी पर रोक लगाई गई है।
मुकदमे की दी गई चेतावनी
पोस्टर में साफतौर पर कहा गया है कि बिना अनुमति के वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने पर कानूनी अपराध माना जाएगा और कार्रवाई भी होगी। महिला अधिकारियों या कर्मचारियों की वीडियोग्राफी करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखने तक की चेतावनी पोस्टर में दी गई है। पीएमओ के इस तुगलगी फरमान के बाद से पत्रकार संगठनों व मीडिया कर्मियों में आक्रोश बढ़ गया है।
अस्पताल प्रबंधन ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के बजाए अस्पताल में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया है
अस्पताल प्रबंधन की ओर से जिला अस्पताल में फोटो खींचने और वीडियो बनाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी का बोर्ड लगाया गया है। जिला अस्पताल में फोटाग्राफी व वीडियोग्राफी करने के लिए अस्पताल प्रबंधन से अनुमति लेनी होगी।
बदहाली के चर्चा में आया था जिला अस्पताल
मीडिया कर्मियों का कहना है कि जिला अस्पताल में बरती जा रही अनियमितता और लापरवाही को छुपाने के लिए ये पोस्टर चस्पा किये गए हैं। बता दें कि हाल ही में मीडिया में जिला अस्पताल बालोतरा में डाॅक्टर द्वारा परिचित लोगों को वीआईपी कोटेज वार्ड मुहैया करवाने और विपक्ष पीड़ितो का इलाज नहीं करने देने के मामले सामने आए थे, साथ ही अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं व सफाई व्यवस्था की कमी निकलकर सामने आई थी। इसके बाद व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की बजाए पीएमओ की तरफ से फोटोग्राफी पर रोक लगा दी गई है।
चिकित्सको द्वारा उपचार न दिए जाने पर मरीजों और जागरूक परिजनों द्वारा अधिकारियों को फोटो व वीडियो के माध्यम से शिकायते की जाती थी इसलिए ही फोटो व वीडियो पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस तरह हॉस्पिटल की कमिया छुपाने की हरकत करने की बजाय अस्पताल प्रबंधन को व्यवस्था सुधारनी की कोशिश करनी चाहिए। – मोक्ष राठोड़
जिला अस्पताल में फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध केवल इसलिए लगाया गया है, जिससे यहां की अव्यवस्थाओं की शिकायत फोटो या वीडियो के साथ उच्च अधिकारियों को नहीं कर सके। – दिनेश सोलंकी