बालोतरा, 8 जून 2024 – राजस्थान के बालोतरा जिले को एक खतरनाक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कई वर्षों से, यह जिला जोधपुर संभाग के फैक्ट्रियों के रासायनिक कचरे का डंपिंग ग्राउंड बन गया है। पाली और जोधपुर की फैक्ट्रियों का रासायनिक पानी लूनी और जोजरी नदियों में छोड़ा जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
रासायनिक कचरे और रासायनिक पानी का प्रभाव
पाली और जोधपुर की फैक्ट्रियों द्वारा छोड़ा गया रासायनिक पानी और कचरा बालोतरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में गंभीर जल और भूमि प्रदूषण का कारण बन रहा है।
- भूमिगत जल प्रदूषण: रासायनिक पानी के निरंतर नादियो और खुले में छोड़ने से भूमिगत जल स्रोत दूषित हो रहे हैं।
- भूमि बंजर: रासायनिक पानी की वजह से समदड़ी के आस-पास के गाँवों की भूमि बंजर हो रही है, जिससे कृषि उत्पादन में भारी गिरावट आई है।
- स्वास्थ्य संकट: हवा में उड़ने वाले रासायनिक कण व धुए से स्थानीय निवासियों के श्वास प्रणाली में पहुँच रहे हैं, जिससे कैंसर और अन्य घातक रोगों का खतरा बढ़ रहा है।
फैक्ट्रियों में उपयोग ले रही है प्रतिबंधित प्रदार्थ
जोधपुर संभाग की फैक्ट्रियाँ, विशेष रूप से कपड़ा उद्योग, प्रतिबंधित रसायनों का उपयोग करती हैं, जिनमें Azo dyes शामिल हैं। इन रसायनों का अपशिष्ट सीधे तौर पर बालोतरा के खेड़ क्षेत्र में डाला जा रहा है, जिससे कचरे का पहाड़ बन गया है। आपको बता दें कि Azo dyes पूरे एशिया महाद्वीप ने प्रतिबंधित है
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय समुदाय लंबे समय से इस समस्या से पीड़ित और परेशान हैं। कई वर्षों से लोग प्रशासन और सरकार से अपील कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सरकारी उदासीनता
सरकार द्वारा राजस्व कमाने के उद्देश्य से इन फैक्ट्रियों को अनुमति देना, अविधि गतिविधीय और इसके ख़िलाफ़ कोई कारवाही नहीं करना बालोतरा की जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है। यह स्थिति बालोतरा के निवासियों को कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के मुंह में धकेल रही है।
समाधान और अपील
सरकार को तुरंत इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और फैक्ट्रियों के रासायनिक कचरे के प्रबंधन के लिए सख्त नियम और उपाय लागू करने चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाना अब अनिवार्य हो गया है ताकि बालोतरा और उसके आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सके।
स्थानीय निवासियों की अपील है कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और जल्द से जल्द समाधान निकालें, ताकि बालोतरा को इस पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट से बचाया जा सके।