राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे के तहत बालोतरा पहुंचे। कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचने पर जिला कलेक्टर सुशील कुमार व पुलिस अधीक्षक रमेश ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रवेश के बाद राज्यपाल को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। साथ ही “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।

जिला अधिकारियों से योजनाओं की समीक्षा
कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के समस्त विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में राज्यपाल ने केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि योजनाएं कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर दिखनी चाहिए। समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नियमित नियंत्रण और निगरानी के निर्देश दिए गए। उन्होंने हर योजना को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने, सभी पात्र व्यक्ति को लाभ देने व वंचितों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाने पर विशेष बल दिया।
नीट चयनित विद्यार्थी का सम्मान
इस मौके पर NEET परीक्षा में चयनित श्रवण को राज्यपाल ने मंच पर बुलाकर उत्साहवर्धन किया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह सम्मान समारोह नई पीढ़ी को शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से रखा गया था।

क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा
मीटिंग के दौरान बालोतरा, सिवाना और पचपदरा के विधायकों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की प्रमुख समस्याओं को राज्यपाल के समक्ष रखा। जिले के पेयजल संसाधन बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सप्लाई और उपलब्धता सुनिश्चित करने, डोली गांव में लंबे समय से चली आ रही प्रदूषित पानी की समस्या जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल की समस्या के स्थायी समाधान के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

राजपुरोहित समाज ने जताई नाराजगी
राज्यपाल के पूर्व नियोजित कार्यक्रम में ब्रह्मधाम में दर्शन व श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्लान था। तीर्थ ट्रस्ट एवं राजपुरोहित समाज के सदस्यों द्वारा दो दिन से तैयारियां चल रही थीं। लेकिन जब राज्यपाल का काफिला बिना रुके गुजर गया तो समाज में रोष फैल गया। समाज के गोविंद सिंह कालूड़ी ने बताया कि ट्रस्ट व समाजजन फूल-मालाएं और स्वागत सामग्री लेकर खड़े थे, मगर राज्यपाल के न पहुंचने से उनकी भावनाएं आहत हुईं। समाज के लोगों ने इसे प्रशासन की अनदेखी और वर्चस्वपूर्ण प्रोटोकॉल का उदाहरण बताया।

अधिकारियों को सख्त निर्देश: ‘जनभावनाओं का रखें पूरा ध्यान’
राज्यपाल ने बैठक के आखिर में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि जनभावनाओं को सर्वोपरि रखें तथा कार्यशैली में संवेदनशीलता और जवाबदेही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद बनाये रखें और जनता को भागीदार मानकर योजनाओं को लागू करें।
निष्कर्ष
राज्यपाल का बालोतरा दौरा सकारात्मक संदेश देने के साथ ही प्रशासन और समाज के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की कवायद रहा। हालांकि, प्रोटोकॉल और समय अभाव के चलते राजपुरोहित समाज व तीर्थ ट्रस्ट की उम्मीदें अधूरी रह गईं, जिससे समाज में कुछ नाराजगी भी देखी गई। फिर भी, विकास योजनाओं की समीक्षा, शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट विद्यार्थियों का सम्मान और स्थानीय समस्याओं पर संवेदनशील रुख, दौरे की अहम उपलब्धियां रहीं।