बालोतरा।
दस दिन तक चले गणेशोत्सव के बाद रविवार को गणपति बप्पा को श्रद्धापूर्वक विदा किया गया। शहरवासियों ने बड़े ही भावुक माहौल में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। बॉट पुल के पास लूणी नदी तट पर आयोजित इस विसर्जन कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

सुरक्षा इंतजाम और प्रशासन की निगरानी
विसर्जन स्थल पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचाव के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए। वीएसपी टीम, सिविल डिफेंस की टीम तथा जनक माली के नेतृत्व में स्थानीय तैराक दल ने पूरे कार्यक्रम को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी देखरेख में एक-एक प्रतिमा का विधिवत विसर्जन कराया गया।
सैकड़ों मूर्तियों का हुआ विसर्जन
जानकारी के अनुसार इस बार करीब 70 बड़ी प्रतिमाओं और 300 से अधिक छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। शहर के विभिन्न गणेश मंडलों एवं घरों से गणपति प्रतिमाएं जुलूस के रूप में विसर्जन स्थल तक पहुंचाई गईं। गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच बप्पा की विदाई हुई।

भावुक हुए श्रद्धालु, छलके आस्था के आँसू
पूरे दस दिन गणपति बप्पा की आराधना कर चुके श्रद्धालु विसर्जन के समय भावुक हो उठे। कई श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। ‘गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ’ के जयकारों के बीच प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित किया गया।
पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान
स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं ने श्रद्धालुओं से पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए विसर्जन करने की अपील की। टीमों ने नदी किनारे सफाई व्यवस्था का भी ध्यान रखा ताकि विसर्जन के बाद प्रदूषण न फैले।
निष्कर्ष :
बालोतरा में गणपति विसर्जन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं रहा, बल्कि यह आस्था, अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संदेश भी बनकर सामने आया।