बाड़मेर की राजनीति इस समय जबरदस्त उथल-पुथल से गुजर रही है। पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी को लेकर जिले में समर्थकों और विरोधियों के बीच गहरा टकराव देखने को मिल रहा है।

समर्थक उत्साहित, विरोधी आक्रामक
शनिवार को जैन के बाड़मेर पहुंचने का कार्यक्रम है। एक ओर जहां उनके समर्थक स्वागत की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर विरोधियों ने जगह-जगह पोस्टर व होर्डिंग्स लगाकर विरोध की हवा तेज कर दी है।
बालोतरा से लेकर बाड़मेर तक लगे इन होर्डिंग्स पर लिखा गया है –
- “महिलाओं का अपमान नहीं सहेगी बाड़मेर कांग्रेस”
- “बाड़मेर हुआ शर्मशार, बलात्कारी हमें स्वीकार नहीं”
इन नारों और तस्वीरों ने माहौल को और अधिक गरमा दिया है।
विरोध में कांग्रेस का बड़ा धड़ा
पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, जिलाध्यक्ष गफूर अहमद, पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, प्रदेश सचिव लक्ष्मण गोदारा और आज़ाद सिंह राठौड़ समेत कई बड़े नेता जैन की वापसी का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि जैन को पार्टी में शामिल करने से कांग्रेस की छवि धूमिल होगी।
पोस्टर वार और कांग्रेस की सफाई
बाड़मेर शहर, बायतु, बालोतरा और ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर चिपकाकर जैन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है। बताया जा रहा है कि ये पोस्टर बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर कांग्रेस कमेटियों के सौजन्य से लगाए गए हैं। हालांकि, इस पर सफाई देते हुए बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा कांग्रेस जिलाध्यक्षों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा –
“हमारी ओर से किसी प्रकार के आपत्तिजनक पोस्टर या होर्डिंग्स नहीं लगाए गए हैं।”

जैन पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
कांग्रेस में यह पहली बार नहीं है जब विवादित नेताओं की वापसी को लेकर घमासान मचा हो।
- बालेंदु सिंह शेखावत पर लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा।
- संदीप शर्मा पर एक महिला से अनैतिक संबंधों को लेकर विवाद हुआ।
- अरविंद डामोर को नामांकन प्रकरण में अनुशासनहीनता पर बाहर किया गया।
- तेजपाल मिर्धा पर भी अनुशासनहीनता के आरोप लगे।
- बलराम यादव पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई हुई।
- वहीं, मेवाराम जैन का सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने और अनुशासन उल्लंघन के आरोपों के चलते पार्टी ने उन्हें निलंबित किया था।
गुटबाजी और पार्टी की मुश्किलें
मेवाराम जैन की वापसी ने कांग्रेस की गुटबाजी को एक बार फिर सतह पर ला दिया है। समर्थक इसे “नेता की घर वापसी” बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे पार्टी की साख पर सवाल खड़े करने वाला कदम मान रहे हैं।
बाड़मेर से लेकर दिल्ली तक यह मामला गर्माया हुआ है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसका असर जिले की राजनीति और संगठनात्मक समीकरणों पर गहराई से पड़ेगा।
नगर परिषद ने हटवाए विवादित पोस्टर
बालोतरा : नगर परिषद ने हटवाए पोस्टर….
मेवाराम जैन के पोस्टर लगवाने का मामला pic.twitter.com/Rvi19OC27r
— Balotra News – बालोतरा न्यूज़ (@BalotraNews) September 27, 2025
सरहदी जिले बाड़मेर की जनता आज 27 सितंबर 2025 को सुबह उठी तो चौंक गई । बाड़मेर शहर में जगह जगह ऐसे होर्डिंग नजर आ रहे हैं जिसमें कद्दावर कांग्रेसी नेता मेवाराम जैन को आपत्तिजनक हालत में देखा जा सकता है । इसके साथ ही बाकायदा कैप्शन लिखकर उनकी कांग्रेस में वापसी का जबरदस्त विरोध किया गया है । यह होर्डिंग पोस्टर किसने लगवाए यह तो समय बताएगा लेकिन इससे बाड़मेर, दिल्ली और जयपुर तक की कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में भूचाल आना तय हो गया है। आपकी जानकारी के लिए कथित अश्लील सीडी कांड के चलते कांग्रेस से निष्कासित हुए पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में दो दिन पूर्व ही वापसी हुई है। इस वापसी के बाद आज ही वे बाड़मेर पहुंच रहे हैं।
इसके लिए एक बड़ा कार्यक्रम उनके समर्थकों ने आयोजित किया था लेकिन उनके विरोधियों के इस एक दांव ने मेवाराम जैन और उनको पार्टी में शामिल कराने वाले नेताओं के होश उड़ा दिए हैं । सबसे पहले तो जानिए कि कांग्रेसी नेता के निष्कासन से जुड़ा घटनाक्रम । दरअसल, मेवाराम जैन 2008 से 2023 तक बाड़मेर से लगातार तीन बार विधायक रहे।
2023 में एक कथित अश्लील सीडी कांड के कारण विवादों में घिर गए। 20 दिसंबर 2023 को जोधपुर में एक महिला ने उनके खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया, जिसमें पॉक्सो एक्ट सहित 18 धाराओं के तहत कार्रवाई हुई। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि मेवाराम ने विधायक रहते अपने रसूख का इस्तेमाल कर कार्रवाई को रोका। इसके बाद, 5-6 जनवरी 2024 की रात 12 बजे, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मेवाराम को पार्टी से निलंबित कर दिया। निलंबन पत्र में कहा गया कि मेवाराम के अनैतिक आचरण ने कांग्रेस के संविधान का उल्लंघन किया। इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल एक अश्लील वीडियो ने भी मामले को और तूल दे दिया था। इस निष्कासन के बाद मेवाराम जैन की सियासी जमीन खिसकती नजर आई।
इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में वे निर्दलीय प्रत्याशी डॉ प्रियंका चौधरी से हार गए थे, जिसने उनकी सियासी हैसियत को और कमजोर कर दिया था। लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी की स्क्रिप्ट करीब छह महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी। इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनकी मुलाकात से हुई। गहलोत ने इस मामले को कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल भी इस प्रक्रिया में शामिल रहे। बताया जाता है कि गहलोत ने गोविंद सिंह डोटासरा के माध्यम से मेवाराम की वापसी की सिफारिश आलाकमान तक पहुंचाई।
इसके बाद, अनुशासन समिति की सिफारिश और रंधावा की मंजूरी के बाद 22 सितंबर 2025 को दिल्ली में मेवाराम की औपचारिक वापसी हो गई। बता दें, प्रभारी रंधावा ने अनुशासन समिति की सिफारिश पर मेवाराम जैन को 22 सिंतबंर को ही दिल्ली में वापसी करवा दी थी। जिसकी खबर मीडिया में 25 सिंतबर को वायरल हुई मेवाराम जैन की वापसी के फैसले से उनके समर्थक खुश हुए, दूसरी तरफ इस फैसले का पार्टी के अंदर विरोध भी जोर पकड़ने लगा । कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में दखल रखने वाले , बाड़मेर के वरिष्ठ नेता और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कई बार बिना नाम लिए कई मंचों पर जैन का विरोध कर चुके थे ।
लोकसभा चुनाव के बाद एक बयान में चौधरी ने कहा था कि कांग्रेस की इमेज ऐसी हो गई थी कि लोग कहने लगे थे, हमारे घर बहन-बेटियां हैं, कृपया कांग्रेसी न आएं। उन्होंने एक बयान में ये भी कहा था कि चाहे सार्वजिनक राजनीति छोड़ना मंजूर लेकिन चरित्रहीन लोगों के साथ नहीं रहेंगे।
बताया जाता है कि मेवाराम जैन की वापसी से हरीश चौधरी को काफी धक्का लगा चौधरी के अलावा, पूर्व विधायक हेमाराम चौधरी, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, पदमाराम मेघवाल, महेंद्र चौधरी, गफूर खान और फतेह खान जैसे नेताओं ने दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और जैन की वापसी का विरोध दर्ज कराया। इन नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने आपत्तियां उठाईं और दावा करते हुए कहा कि जैन की वापसी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा। विरोधी गुट ने जैन को ‘चरित्रहीन’ करार देते हुए कहा कि उनकी वापसी से कांग्रेस अपनी नैतिकता खो देगी अब यह होर्डिंग पोस्टर कांड क्या गुल खिलाता है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन राजस्थान में कांग्रेस पार्टी दो स्पष्ट भागों में विभक्त होती नजर आ रही है । अमीन खान और मेवाराम जैन की वापसी से बाड़मेर से उठा तूफान किसे किसे लपेटे में लेता है यह देखना दिलचस्प होगा ।