2 मिलियन लोगों की ज़िंदगी खतरे में: सुप्रीम कोर्ट ने जोजरी नदी प्रदूषण पर लिया बड़ा फैसला

Pankaj Borana

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2025:
राजस्थान की जोजरी, बांदी और लूणी नदियों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने “2 Million Lives at Risk – India’s Deadliest River” डॉक्यूमेंट्री पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि अब इस गंभीर पर्यावरणीय संकट पर ठोस कार्रवाई ज़रूरी है।

Balotra News Photo

कोर्ट ने कहा कि जोधपुर, पाली और बालोतरा की वस्त्र व स्टील फैक्ट्रियाँ नदियों में जहरीला पानी छोड़कर पूरे क्षेत्र के लोगों की सेहत और पर्यावरण को खतरे में डाल रही हैं।

इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2022 में इन जिलों की नगर परिषदों और RIICO पर ₹2-2 करोड़ का पर्यावरण मुआवजा लगाया था और सभी प्रदूषक इकाइयों को ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज नीति का पालन करने का आदेश दिया था।

अब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि NGT के आदेशों और चल रही अपीलों को एक साथ सुनवाई के लिए जोड़ा जाए ताकि राजस्थान की नदियों के प्रदूषण पर एकीकृत समाधान निकाला जा सके।

- Advertisement -
Ad imageAd image

पीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि सभी संबंधित अपीलों – RIICO, नगर परिषद पाली, नगर निगम जोधपुर और नगर परिषद बालोतरा – को एक साथ क्लब कर सुनवाई की जाए।

कोर्ट ने कहा कि “प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य सरकार और स्थानीय निकाय अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।
नदी केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जीवनरेखा है।”

मुख्य बिंदु:

  • सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री देखकर स्वतः संज्ञान लिया
  • जोधपुर, पाली, बालोतरा और बाड़मेर की फैक्ट्रियों से प्रदूषण पर चिंता
  • NGT ने पहले भी ₹2-2 करोड़ का जुर्माना लगाया था
  • सभी अपीलें अब सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनी जाएंगी
  • न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने आदेश जारी किया

1️⃣ पृष्ठभूमि:
यह स्वतः संज्ञान याचिका न्यायालय द्वारा 16 सितंबर 2025 के आदेश के बाद दर्ज की गई।
कोर्ट ने YouTube चैनल News Pinch द्वारा 12 सितंबर 2025 को अपलोड की गई डॉक्यूमेंट्री —
“2 Million Lives at Risk | India’s Deadliest River | Marudhara | Jojari | Rajasthan” — पर स्वतः संज्ञान लिया।


2️⃣ पूर्व में चले मामले:
इसी विषय पर कई याचिकाएँ राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में (जैसे CWP 2844/2011 व 9503/2012) दाखिल हुई थीं,
जो आगे चलकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), दिल्ली को स्थानांतरित की गईं
(मूल आवेदन संख्या 34(THC)/2014 और 32(THC)/2014)।
ग्राम पंचायत अरब ने भी 2015 में जोजरी नदी प्रदूषण पर आवेदन दायर किया था।


3️⃣ नदी प्रणाली:
इस पर्यावरणीय संकट में तीन नदियाँ शामिल हैं —

  • लूणी नदी: अजमेर की अरावली पहाड़ियों से निकलती है, पाली–जोधपुर–बाड़मेर से होकर रण ऑफ कच्छ तक जाती है।
  • बांदी नदी: लूणी की सहायक नदी है।
  • जोजरी नदी: जोधपुर जिले के भीतर बहती है।

4️⃣ NGT के आदेश:
NGT ने जोधपुर, पाली, बालोतरा और जसोल की वस्त्र व स्टील फैक्ट्रियों से फैलते प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु
स्पेशल टास्क फोर्स बनाई थी, जिसे बाद में समाप्त कर 3 मॉनिटरिंग कमेटियाँ गठित की गईं।
इनका नेतृत्व न्यायमूर्ति प्रकाश चंद्र टाटिया (पूर्व मुख्य न्यायाधीश, झारखंड हाईकोर्ट) को सौंपा गया।


5️⃣ कमेटियों की रिपोर्ट (अप्रैल 2021):
मुख्य सुझाव:

  • गांधीपुरा, बालोतरा की फैक्ट्रियों का स्थानांतरण हो।
  • सभी CETP (कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) पूरी क्षमता से चलें।
  • सभी फैक्ट्रियों में SCADA मीटर लगें और निर्धारित मानकों से अधिक प्रदूषक न छोड़े जाएँ।
  • CETP से निकलने वाला पानी बिना उपचारित सीवेज या बरसाती नालों में न मिले।
  • नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्रों की नालियों पर निगरानी रखें।
  • ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) नीति सभी पर लागू हो।
  • राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RSPCB) हर माह सैंपल जाँच कर वेबसाइट पर सार्वजनिक करे।
  • अवैध डिस्चार्ज करने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई हो।

6️⃣ अंतिम रिपोर्ट (जुलाई 2021):

- Advertisement -
Ad imageAd image
  • RSPCB और राज्य सरकार में खाली पद तुरंत भरे जाएँ।
  • कृषि भूमि पर चल रहे अवैध उद्योगों पर तहसीलदार व नगर निकाय कार्रवाई करें।
  • सीवेज प्रबंधन में सुधार व उपचारित जल के पुन: उपयोग की योजना बने।
  • ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्रों में प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी निभाएँ।

7️⃣ NGT का अंतिम आदेश (25 फरवरी 2022):

  • उपरोक्त सभी सुझावों का 6 माह में पालन अनिवार्य।
  • किसी भी प्रकार का बिना उपचारित पानी नदी या भूमि में न डाला जाए।
  • उल्लंघन करने वाले उद्योग बंद किए जाएँ व ‘Polluter Pays’ सिद्धांत के तहत जुर्माना वसूला जाए।
  • RIICO, जोधपुर, बाड़मेर नगर निकाय — प्रत्येक को ₹2 करोड़ का पर्यावरण मुआवजा देना होगा।
  • जुर्माने की राशि पर्यावरण सुधार हेतु उपयोग की जाएगी।

8️⃣ सुप्रीम कोर्ट में अपीलें:
NGT के आदेश के खिलाफ कई अपीलें दाखिल हुईं:

  • RIICO बनाम दिग्विजय सिंह (C.A. 5517–5519/2022)
  • नगर परिषद पाली, नगर निगम जोधपुर, नगर परिषद बालोतरा की अपीलें (2022 में)
    सभी पर अंतरिम स्थगन आदेश (Stay Order) दिया गया था।

9️⃣ न्यायालय का वर्तमान आदेश (9 अक्टूबर 2025):

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सभी अपीलें व यह स्वतः संज्ञान रिट याचिका एक समान पर्यावरणीय मुद्दे से संबंधित हैं।
  • इसलिए इन सभी को एक साथ सुनवाई हेतु जोड़ा जाए।
  • रजिस्ट्री को निर्देश: माननीय मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यह सभी मामले संयुक्त सुनवाई हेतु प्रस्तुत करें।
Share This Article