भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष टीम जोधपुर इकाई ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए बालोतरा के जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के वरिष्ठ सहायक शैतानाराम को 18,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। शैतानाराम पर आरोप था कि उसने परिवादी से मुकदमे में राहत दिलाने के लिए कुल 27,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
एसीबी की विशेष टीम ने आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बालोतरा कलेक्ट्रेट कार्यालय के वरिष्ठ सहायक शैतानाराम को 18,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी ने पीड़ित जब्बर सिंह राजपुरोहित से, जो कि सिवाना के इटवाया गांव के निवासी हैं, मुकदमे में फ्री करवाने और जालोर के बागोड़ा थाने में दर्ज आपराधिक प्रकरण में सहयोग देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। इसके साथ ही डोली की जमीन को जब्बर सिंह के नाम ट्रांसफर करवाने के एवज में भी रिश्वत मांगी गई थी।
रिश्वत की मांग और गिरफ्तारी का विवरण:
आरोपी शैतानाराम ने पीड़ित से कई बार झांसा देकर रिश्वत की राशि ऐंठी थी। सत्यापन के दौरान, आरोपी ने 5,000 रुपये पहले ही ले लिए थे, और आज 18,000 रुपये की मांग को पूरा करते समय उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एसीबी की जोधपुर इकाई ने डीएसपी गोरधनराम के नेतृत्व में यह कार्रवाई की।
कैसे हुई गिरफ्तारी:
एसीबी की विशेष टीम ने डीएसपी गोरधनराम के नेतृत्व में बुधवार को बालोतरा में ट्रैप लगाकर शैतानाराम को 18,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी शैतानाराम, जो समदड़ी थाना क्षेत्र के सिलोर गांव का निवासी है, जिला कलक्टर कार्यालय में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत था।
परिवादी ने इस मामले की शिकायत एसीबी के मुख्यालय में दर्ज करवाई थी, जिसके बाद एसीबी की टीम ने जोधपुर के उप महानिरीक्षक हरेन्द्र महावर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी के निर्देशन में मामले का सत्यापन किया।
कैसे हुई गिरफ्तारी:
एसीबी की विशेष टीम ने डीएसपी गोरधनराम के नेतृत्व में बुधवार को बालोतरा में ट्रैप लगाकर शैतानाराम को 18,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोपी शैतानाराम, जो समदड़ी थाना क्षेत्र के सिलोर गांव का निवासी है, जिला कलक्टर कार्यालय में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत था।
आगे की कार्रवाई:
एसीबी के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा और अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में मामले की गहन पूछताछ जारी है। एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB की सक्रियता और गंभीरता एक बार फिर साबित हुई है, जिससे सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण पर लगाम लगाने की उम्मीद जताई जा रही है।