बालोतरा। जिले में सम्पत्ति संबंधी अपराधों के शीघ्र खुलासे और अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान “ऑपरेशन खुलासा” के अंतर्गत बालोतरा पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक हरी शंकर के निर्देशन में थानाधिकारी चेलसिंह के नेतृत्व में गठित विशेष पुलिस टीम ने एक शातिर नकबजन गैंग के पाँच सदस्यों को गिरफ्तार कर गत एक माह में हुई 08 सिलसिलेवार चोरी की वारदातों का पर्दाफाश किया है।
✅ घटनाक्रम का खुलासा
दिनांक 11 अप्रैल 2025 को रतन विहार कॉलोनी निवासी कैलाश माली ने बालोतरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके भाई रमेश माली के घर में अज्ञात चोरों ने रात के समय सेंध लगाकर सोने-चांदी के जेवरात, नकदी और एक मोटरसाइकिल चुरा ली। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर तकनीकी विश्लेषण और आसपास के सीसीटीवी फुटेज, पुराने अपराधियों की गतिविधियों की जांच शुरू की।

🚔 तेज तर्रार कार्रवाई और गिरफ्तारी
पुलिस टीम ने आधुनिक तकनीक और मानव खबरी नेटवर्क के जरिए विभिन्न स्थानों पर दबिश दी और आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बालोतरा क्षेत्र में हुई 08 नकबजनी की घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया। सभी आरोपी तकनीकी रूप से काफी सतर्क थे, ये अलग-अलग सिम और मोबाइल का उपयोग करते थे तथा चोरी के बाद अलग-अलग स्थानों पर जाकर छिप जाते थे।
🕵️♂️ गिरफ्तार आरोपी और उनकी पृष्ठभूमि
- अशोक कुमार (21) – निवासी रत्नेश्वर कॉलोनी, बालोतरा। कपड़े की फैक्ट्री में मजदूर। सोशल मीडिया पर दिखाई जाने वाली लग्जरी लाइफस्टाइल से प्रभावित होकर जल्द अमीर बनने की चाह में अपराध की राह पकड़ी।
- सुरेन्द्र कुमार भील (22) – निवासी कवास, बाड़मेर (हाल निवासी बालोतरा)। प्राइवेट नौकरी करता था। महंगे गैजेट्स, ब्रांडेड कपड़े और ट्रेवल की चाहत में फंसकर अपराध में उतर गया।
- अशोक प्रजापत (21) – निवासी आईनाथ गोशाला के पास, बालोतरा। मजदूरी करता था। अपने भाई के डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए अपराध की ओर मुड़ा।
- घनश्याम प्रजापत (19) – निवासी आईनाथ गोशाला के पास, बालोतरा। प्रेम में पड़ा युवा, जिसने जल्दी शादी के सपने में शॉर्टकट चुना और अपराधी बन बैठा।
- हीराराम उर्फ धीरज (22) – निवासी जीरो फाटक, बालोतरा। नशे की लत और आराम की जिंदगी ने उसे अपराध की दुनिया में धकेल दिया।
📱 तकनीकी चालाकी और पुलिस की सूझबूझ
यह गैंग अपने अपराधों को अंजाम देने में अत्यधिक चालाकी बरतता था। कोडवर्ड्स, सिम बदलना, गुप्त मैसेजिंग और योजना बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग इनकी रणनीति में शामिल था। फिर भी, बालोतरा पुलिस की सक्रियता, रणनीतिक सोच और समर्पित टीमवर्क ने इनका भंडाफोड़ कर दिया।
🧠 अपराध के पीछे की मानसिकता
पुलिस जांच में सामने आया कि इन अपराधों के पीछे केवल गरीबी नहीं, बल्कि जल्दी अमीर बनने की चाह, सोशल मीडिया से प्रभावित जीवनशैली, और नशे व प्रेम संबंधों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यह गैंग समाज के उस कटु सत्य को उजागर करता है जहाँ युवा वर्ग असली मेहनत की जगह शॉर्टकट को चुनकर खुद को बर्बादी की राह पर ले जाता है।
📢 पुलिस की अपील
बालोतरा पुलिस आम नागरिकों से अपील करती है कि वे सतर्क रहें, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल नजदीकी थाने में दें, और बच्चों/युवाओं को गलत संगति से बचाएं।
“अपराध का कोई भविष्य नहीं होता, सही रास्ता ही सच्चा समाधान है।”