बालोतरा जिले में पुलिस द्वारा तैयार की जा रही ‘टॉप 10 वांछित अपराधी’ सूची विवादों में घिर गई है। इस सूची को मूल रूप से गंभीर और आदतन अपराधों में लिप्त अपराधियों को चिन्हित करने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब पुलिस की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। हाल के दिनों में, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें मामूली अपराध या पहली बार अपराध में लिप्त पाए गए लोगों को भी इस सूची में डालकर उन्हें ‘टॉप 10 अपराधी’ का दर्जा दिया गया है। यह कदम वाहवाही हासिल करने और अपराध नियंत्रण की छवि पेश करने के लिए उठाया गया प्रतीत होता है।
- पहले अपराध में ही ‘मोस्ट वांटेड’ का ठप्पा
कुछ मामलों में देखा गया है कि जिन लोगों पर पहली बार अपराध का आरोप लगा है, उन्हें भी ‘मोस्ट वांटेड’ (टॉप 10 वांछित) की सूची में डाल दिया गया है। जबकि इन अपराधियों का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि मामूली अपराध या पहली बार अपराध करने वाले को इस सूची में डालना उसकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और समाज में उसकी स्थिति को प्रभावित कर सकता है। कानून की प्रक्रिया के अनुसार, पहली बार अपराध करने वालों को सुधार का मौका मिलना चाहिए, और उन्हें सीधे ‘टॉप 10 अपराधी’ सूची में शामिल करना न्याय की भावना के खिलाफ है।
- समाज में असंतोष
बालोतरा के नागरिकों ने इस कदम पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पुलिस को असली और संगीन अपराधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, और मामूली मामलों में पहली बार फंसने वालों को सुधार का अवसर देना चाहिए। टॉप 10 सूची में नाम शामिल करने से उन लोगों की छवि खराब हो रही है जो समाज में वापस अच्छे जीवन की शुरुआत कर सकते थे।
थाने स्तर पर तैयार की जा रही टॉप 10 सूची
सूत्रों के अनुसार, टॉप 10 सूची थाना स्तर पर बनाई जा रही है, और जारी होने वाले प्रेस नोट में संबंधित थाने के टॉप 10 अपराधियों के नाम शामिल होते हैं। कुछ गंभीर मामलों में, जैसे एनडीपीएस जैसे संगीन अपराधों में गिरफ्तारी होने पर भी, उन अपराधियों पर टॉप 10 का ठप्पा नहीं लगाया गया है। इससे पुलिस की प्रक्रिया में पक्षपात की संभावना पर सवाल उठते हैं।
- क्या बदलाव की जरूरत?
विशेषज्ञों का मानना है कि वाहवाही के लिए इस तरह के कदमों से बचना चाहिए और पुलिस को संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। आम जनता और बालोतरा के नागरिकों की मांग है कि इस प्रक्रिया की पुन: समीक्षा हो और टॉप 10 अपराधियों की सूची में केवल उन्हीं अपराधियों को शामिल किया जाए जिनका पिछला आपराधिक रिकॉर्ड हो और जो वास्तव में समाज के लिए खतरा हैं।