बालोतरा, राजस्थान: सराना गाँव में पानी की कमी से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक वन क्षेत्र में राज्य पशु ऊँट की पानी की कमी के कारण तड़प-तड़प कर मौत हो गई। यह घटना वन्य जीवों के प्रति हमारी लापरवाही और जल संरक्षण की अनदेखी की सच्चाई उजागर करती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की टंकियों और हौद में पानी की सप्लाई काफी लंबे अरसे से बंद है। जल वितरण विभाग इस गंभीर मुद्दे पर मौन है, जिसके परिणामस्वरूप वन्य जीवों की जान खतरे में पड़ गयी है।
आप समझ सकते है कि यह राज्य पशु ऊँट 65 दिन बिना पानी पिए जिंदा रह सकता है पर,,,, पर हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि पानी की आवक काफ़ी लंबे अरसे से बंद है ऊँट के पैर लम्बे इसलिए होते हैं, क्योंकि वे ऊँट को तपती हुई धरती से दूर रखने में सक्षम होते हैं। अगर एक ऊँट का वज़न 40% से भी कम हो जाए, तो भी वो जीवित रहते हैं। सर्दियों के मौसम में एक ऊँट 6-7 महीने तक बिना पानी के रह सकता है।
गाँव में बनी पानी की टंकियों में महीनों तक पानी नहीं दिया गया है। गर्मी के मौसम में पानी की कमी गंभीर रूप धारण कर रही है, और यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो गाय, ऊँट, नीलगाय, हिरण, भेड़, बकरियों और अन्य पशुओं का भी यही हाल होने है।आइए, हम सब मिलकर वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था करे और राजस्थान के वन्य जीवों को बचाने का प्रयास करें।
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