बालोतरा नगर में शुक्रवार को पचपदरा विधायक मदन प्रजापत की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था को लेकर उपखंड स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। जिला बनने के बाद नए भवनों सहित अन्य विषयों पर पचपदरा विधायक सहित आसपास क्षेत्र के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने बताया कि बालोतरा में धीरे-धीरे क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
इन 21 जगहों पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
- रणवीर चौक
- गांधीपुरा
- डाक बगंला
- छत्रियों का मोर्चा
- गौर का चौक
- शास्त्री चौक
- हनंवत सराय
- घांचियों का मन्दिर
- गोगाजी मन्दिर खेड़ रोड़
- कुम्हारों का चौक
- रबारियों का टांका
- जबरदस्त हनुमान मन्दिर
- नेहरू कॉलोनी
- भगत सिंह सर्कल
- सब्जी मंडी
- पुराना बस स्टैंड
- नगर परिषद सर्कल
- नाहटा हॉस्पिटल
- विधायक निवास
- नया बस स्टैंड
- भोलापीर दरगाह
- रेगरपुरा
इसको लेकर 60 लाख रुपये की लागत से विधायक कोष से सीसीटीवी कैमरे बालोतरा शहर में लगाए जाएंगे, जिससे बालोतरा सहित आसपास के क्षेत्र में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। वहीं पचपदरा तथा मंडली पुलिस थाने में स्वागत कक्ष का निर्माण किया जाएगा। पुलिस विभाग को लेकर अन्य व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई। वहीं राजस्थान सरकार ने ओएसडी भी लगा दिए है। बालोतरा जिला बनने के बाद सीमांकन कार्य पूर्ण हो गया है। अब कलेक्टर और एसपी कार्यालय बनाने के लिए भूमि भी देखे जा रहे, जिससे जल्द से जल्द भूमि आवंटित कर कलेक्टर और एसपी कार्यालय का निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया जाएगा।
एडीएम अश्विनी पंवार,एएसपी सुभाष खोजा,एसडीएम विवेक व्यास,डीएसपी नीरज शर्मा डेलू,आयुक्त शिवपाल सिंह राजपुरोहित सहित पुलिस विभाग के अधिकारी बैठक में उपस्थित।
विधायक निधि कोष क्या होता है
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना को वर्ष 1999- 2000 में आरम्भ किया गया है । यह योजना माननीय विधायकों को स्थानीय विकास के साथ प्रभावी ढंग से जोड़ने की दृष्टि से भी आरम्भ की गई है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से विकास कार्यों के विकेन्द्रीकरण के उद्देश्य की पूर्ति से भी प्रेरित है । इसमें धन का व्यय जनता द्वारा टैक्स से एकत्रित रुपए से किया जाता है
- विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1999-2000 में‘विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम‘नाम से योजना आरम्भ की गई है। योजना के प्रारम्भिक वर्ष 1999-2000 में प्रत्येक विधायक महोदय 25.00 लाख रूपये की लागत के कार्य अभिशंषित करने के लिये अधिकृत थे जिसे बढ़ाकर वर्ष 2000-2001 में प्रति विधायक 40 लाख रूपये किया गया। वर्ष 2001-2002 से यह राशि बढ़ाकर 60.00 लाख रूपये, वर्ष 2007-08 से 80.00 लाख रूपये तथा वर्ष 2010-11 से योजनान्तर्गत प्रावधान प्रति विधायक प्रतिवर्ष 100.00 लाख रू वर्ष 2012-13 से 200.00 लाख रू., वर्ष 2016-17 से 225.00 लाख रूपये तथा वर्ष 2021-22 से 500.00 लाख रूपये प्रति विधायक प्रतिवर्ष किया गया है।