राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बालोतरा के निकट बुड़ीवाड़ा गांव में एक छात्र की भावनाओं का मान रखते हुए एक अभूतपूर्व उदाहरण पेश किया। अर्द्धवार्षिक परीक्षा के दौरान एक बारहवीं कक्षा के छात्र मूलाराम सुथार ने उनसे अपने स्कूल आने का आग्रह किया, जिसे मंत्री ने उसकी मुराद पूरी करने के लिए अनोखे ढंग से स्वीकार किया।
शुक्रवार की रात शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एक निजी समारोह में शामिल होने बुड़ीवाड़ा पहुंचे। उनके आगमन की खबर सुनकर मूलाराम और उसका साथी जोराराम उनसे मिलने पहुंचे। देर रात मंत्री से मुलाकात न हो पाने पर बच्चों को सुबह आने का कहा गया। अगले दिन सुबह दोनों छात्र मंत्री से मिले और मूलाराम ने आग्रह किया कि वे उसके स्कूल चलें।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा के चलते स्कूल जाने से पढ़ाई में व्यवधान होगा। लेकिन जब मूलाराम अपनी बात पर अडिग रहा, तो मंत्री ने उसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उसके घर चलने का प्रस्ताव रखा।
मूलाराम की खुशी, परिवार का सम्मान
शिक्षा मंत्री के काफिले के साथ मूलाराम के घर पहुंचने पर पूरा परिवार गदगद हो गया। मंत्री ने परिवार से आत्मीयता से मुलाकात की, फोटो खिंचवाई और मूलाराम को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। रास्ते में मूलाराम ने स्कूल भी बाहर से दिखाया।
शिक्षा मंत्री की इस आत्मीयता से न केवल मूलाराम और उसका परिवार बल्कि पूरा गांव सम्मानित महसूस कर रहा है। यह घटना शिक्षा मंत्री की जनसंपर्क और संवेदनशीलता की एक मिसाल बन गई है।
शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन
मदन दिलावर ने मूलाराम और उसके परिवार को आशीर्वाद देते हुए कहा कि शिक्षा ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने छात्रों को मेहनत और लगन से पढ़ाई करने की प्रेरणा दी।
शिक्षा मंत्री मेरे गांव में आए है,मेरा स्कूल दिखाऊंगा…,मूलाराम की जिद पर उसके घर पहुंचे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर https://t.co/PPolLgNolV via @BalotraNews pic.twitter.com/UW2OegTdIM
— Balotra News – बालोतरा न्यूज़ (@BalotraNews) December 14, 2024
यह घटना न केवल मंत्री के सरल और संवेदनशील स्वभाव को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्य से जुड़ाव रख सकते हैं।
अंतिम रूप से, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के इस कदम ने यह संदेश दिया कि बच्चों की भावनाओं और उनकी जिज्ञासा को सम्मान देना कितना महत्वपूर्ण है।