जोधपुर, बालोतरा और बाड़मेर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बसे सालावास, भांडू, जाटासनी, लूणावास, मेलबा, धवा, डोली, अराबा और कल्याणपुर जैसे गांवों के लोग वर्षों से जोजरी नदी के जहरीले प्रदूषित पानी से त्रस्त हैं। नदी में फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक कचरे के कारण खेत, खलिहान, ढ़ाणिया, विद्यालय परिसर, श्मशान घाट और आवागमन के रास्ते जलमग्न हैं। इससे स्थानीय लोगों का जीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो चुका है। इसी गंभीर स्थिति का उदाहरण है भील समाज के युवक भैराराम जी का दुर्भाग्यपूर्ण निधन, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार तक नहीं हो सका क्योंकि श्मशान घाट और रास्ते प्रदूषित पानी में डूबे हुए हैं। मजबूर होकर परिजन शव को लेकर सड़क पर धरने पर बैठे, ताकि सरकार की नींद टूटे और इस समस्या को गंभीरता से हल किया जाए।

जोजरी नदी की स्थिति और प्रदूषण का मलतब
जोजरी नदी जो इन गांवों के जीवन का मूल आधार रही है, आज वही नदी मौत की नदी बन चुकी है। वहां से निरंतर फैक्ट्रियों से जहरीले और रासायनिक पानी का प्रवाह हो रहा है, जो न केवल नदी की जलीय जीवनशैली को नष्ट कर रहा है, बल्कि आसपास के खेतों, सड़कों, स्कूलों और सामाजिक स्थलों को भी प्रदूषित कर रहा है। इससे लोगों की फसलें नष्ट हो रही हैं, बच्चों का शिक्षा में बाधा आ रही है, और रोजमर्रा का जीवन कठिन हो गया है।

ग्रामीण प्रशासन और उद्योग से इस विषैले प्रदूषण रोकने की मांग कर रहें हैं, लेकिन अभी तक ठोस और तेज़ कार्रवाई नहीं हुई है। यह समस्या केवल पर्यावरण की नहीं बल्कि मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय से जुड़ी बड़ी मुद्दा बन चुकी है, जहां इंसान की गरिमा ही खतरे में पड़ गई है।
कांग्रेस नेता करण सिंह की आवाज़ – सरकार से तत्काल दखल की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करण सिंह ने इस मुद्दे को लेकर एक्स (ट्विटर) पर अपनी गहरी चिंता जताई है। उन्होंने लिखा है कि यह स्थिति केवल पर्यावरण प्रदूषण की नहीं बल्कि इंसान की गरिमा और सामाजिक न्याय की भी बड़ी चुनौती है। जोजरी नदी के प्रदूषण ने यहां के लोगों के जीवन और मानवाधिकारों का भयानक हनन किया है।
करण सिंह ने राज्य सरकार से अपील की है कि इस मामले में तुरंत दखल दिया जाए और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार को गंभीरता से इस समस्या को लेना चाहिए, ताकि जनजीवन को सामान्य किया जा सके, किसानों और ग्रामीणों को आर्थिक सहायता दी जा सके और प्रदूषण रोकने के प्रभावी कदम उठाए जा सकें।”
जोजरी नदी के प्रदूषण से जुड़ी यह क्रूूरतापूर्ण स्थिति आज इंसानियत और सरकार की जिम्मेदारियों को परख रही है। भैराराम जैसे युवा का अंतिम संस्कार न हो पाना सिर्फ एक घटना नहीं बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय की विफलता का प्रतीक बन चुका है। कांग्रेस नेता करण सिंह की अपील इस सुस्त प्रतिक्रिया के बीच एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि अब वक्त आ गया है जब राज्य सरकार को अपने जनसंघर्ष और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्काल प्रभाव से कदम उठाने होंगे ताकि ग्रामीणों को न्याय, राहत और सम्मान के साथ जीवन जीने का मौका मिल सके।