हाल ही में बाड़मेर और बालोतरा जिलों में लगातार हो रही बरसात के साथ ही मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन जिलों में मलेरिया और डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ गया है।
बाड़मेर और बालोतरा में मलेरिया और डेंगू के हालात:
- बाड़मेर:
- मलेरिया केस: 114
- डेंगू केस: 6
- बालोतरा:
- मलेरिया केस: 20
- डेंगू केस: 21
प्रदेश भर के आंकड़े:
राजस्थान में एक अगस्त 2024 तक कुल 482 मलेरिया केस रिपोर्ट हुए हैं। इनमें से 217 केस बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर जिलों के हैं। बाड़मेर में सबसे अधिक 114 केस सामने आए हैं, जबकि जैसलमेर में 86 और बालोतरा में 20 केस मिले हैं।
बाड़मेर और बालोतरा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति:
बरसात के कारण पानी भरने की समस्या और मच्छरों की अधिकता के चलते मलेरिया और डेंगू फैलने का खतरा बढ़ गया है। बाड़मेर को मलेरिया का ‘हॉटस्पॉट’ माना जा रहा है, जबकि बालोतरा में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
रोकथाम और उपचार:
स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया और डेंगू के मामलों की रोकथाम के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन आंकड़े दर्शाते हैं कि मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के संदिग्ध मरीजों की कतारें बढ़ती जा रही हैं।
विभाग द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और मलेरिया तथा डेंगू के नियंत्रण के उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन मौसमी बीमारियों के बेकाबू होते जा रहे मामलों को देखते हुए यह आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर और प्रभावी उपाय करें।
उपाय और सावधानियाँ:
- मच्छरदानी का उपयोग करें।
- साफ-सफाई बनाए रखें और पानी ठहरने से बचाएं।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि मौसमी बीमारियों के खिलाफ प्रभावी ढंग से लड़ा जा सके।
बीमारियों की रोकथाम के उपाय
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बाड़मेर में मलेरिया के केस थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिले के कई कस्बों और ढाणियों में मलेरिया के काफी पॉजिटिव केस सामने आए हैं। विभाग के अनुसार, मौसमी बीमारियों के संदिग्ध मरीजों की संख्या अस्पतालों में लगातार बढ़ रही है।
डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के उपाय
1. मच्छर जनित बीमारियों से बचाव
- मच्छरदानी का उपयोग: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर उन जगहों पर जहां मच्छर की समस्या अधिक होती है।
- मच्छर भगाने वाले उत्पाद: मच्छर भगाने वाले क्रीम, स्प्रे और अन्य उत्पादों का प्रयोग करें। ये त्वचा पर लगाकर मच्छरों को दूर रख सकते हैं।
2. पानी का प्रबंधन
- पानी जमा न होने दें: घर के आस-पास पानी जमा होने से मच्छर के लार्वा पनप सकते हैं। गमले, टायर, कूलर और अन्य जगहों पर पानी इकट्ठा न होने दें।
- फूलों की क्यारी और कूलर की सफाई: नियमित रूप से फूलों की क्यारियों और कूलर की सफाई करें और उनमें से पानी निकाल दें।
3. व्यक्तिगत स्वच्छता
- स्वच्छता बनाए रखें: अपने घर और आस-पास के इलाके को साफ-सुथरा रखें। कचरे को नियमित रूप से बाहर फेंकें और कचरे के ढेर को न जमा होने दें।
- धोने का तरीका: नियमित रूप से हाथ धोना, विशेष रूप से खाना खाने से पहले और शौचालय के बाद, बीमारियों के फैलाव को रोकने में मदद करता है।
4. स्वास्थ्य जांच और उपचार
- समय पर जांच: अगर आपको बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या अन्य लक्षण महसूस हों, तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और जांच कराएं।
- प्रारंभिक उपचार: यदि डेंगू या मलेरिया का पता चलता है, तो तुरंत उचित उपचार करवाएं। चिकित्सकीय सलाह का पालन करें और दवाओं का पूरा कोर्स पूरा करें।
5. सामुदायिक जागरूकता
- जागरूकता अभियान: स्थानीय समुदाय में डेंगू और मलेरिया के खतरे और रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।
- स्वास्थ्य शिक्षा: स्कूलों, पंचायतों और अन्य स्थानीय संगठनों के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम चलाएं ताकि लोग बीमारियों के लक्षण और उनकी रोकथाम के उपाय जान सकें।
6. सरकारी और स्वैच्छिक प्रयास
- फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव: स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से फॉगिंग (कीटनाशक धुंआ) और कीटनाशक छिड़काव करें ताकि मच्छरों के लार्वा और वयस्क मच्छरों की संख्या कम की जा सके।
- स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्टिंग: स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया और डेंगू के संदिग्ध केस की रिपोर्ट करें ताकि समय पर उपाय किए जा सकें।
7. पर्यावरणीय उपाय
- हवा और धूप का प्रभाव: मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की खिड़कियों और दरवाजों को नियमित रूप से खुला रखें और सूरज की रोशनी को प्रवेश करने दें। मच्छर अक्सर अंधेरे और बंद स्थानों में पनपते हैं।
- वनस्पति का चयन: मच्छर भगाने वाले पौधों जैसे नीम और तुलसी को अपने घर के आस-पास लगाएं। ये प्राकृतिक रूप से मच्छरों को दूर रख सकते हैं।
इन उपायों को अपनाकर, आप डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों के प्रकोप को कम कर सकते हैं और अपने और अपने परिवार की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।