Sahara Refund Portal: सालों से अटका पैसा मिलेगा वापस,ऐसे करे आवेदन

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  • सहारा का पैसा रिफंड मिलना स्टार्ट ऑनलाइन आवेदन करे

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) को लॉन्च कर दिया है. इस पोर्टल के जरिए सहारा में निवेशकों के फंसे पैसे वापस मिलेंगे. देशभर के लाखों निवेशकों के करोड़ों रुपये सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं. इस पोर्टल के लॉन्च होने से निवेशकों को उम्मीद जगी है कि उनके निवेश किए हुए पैसे अब वापस मिल जाएंगे.

सहारा रिफंड पोर्टल के शुभारंभ के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सहारा की सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपये कई सालों से डूबे हुए थे, उसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अमित शाह ने पोर्टल लॉन्च के कार्यक्रम में कहा कि लगभग चार करोड़ लोगों को शुरुआती तौर पर फायदा होगा. सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए पारदर्शी तरीके से 5000 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस मिलेंगे. उन्होंने सहारा को लेकर कहा कि कई साल कोर्ट में केस चला, मल्टी एजेंसी सीजर हुआ, नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐसे हालात में निवेशकों के हितों को लेकर पहल रिफंड पोर्टल के जरिए की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जब निवेशकों की परेशानी समझ कर काम करें, तो ये हमारे लिए गौरव की बात है. जिन्होंने निवेश किया है, उनके पैसों को वापस करने से कोई नहीं रोक सकता. ये बहुत बड़ी शुरुआत है, पारदर्शिता के साथ करोड़ों लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई वापस मिलने की शुरुआत हो गई है.

इस रिफंड पोर्टल के जरिए उन निवेशकों के रकम वापस मिलेगी, जिनके निवेश की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. इस पोर्टल पर निवेशक अपना नाम दर्ज कराएंगे. वेरिफिकेशन के बाद उनके रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी. निवेशकों के दस्तावेज सहारा समूह की समितियों द्वारा 30 दिन के भीतर वेरिफाई किए जाएंगे. इसके बाद ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के 15 दिन के भीतर SMS के जरिए निवेशकों को सूचित कर दिया जाएगा. इसके बाद बैंक खाते में निवेश की रकम आ जाएगी. यानी इस प्रोसेस में कम से कम 45 दिन लगेंगे. इसके बाद ही निवेशकों के पैसे वापस मिलेंगे. रिफंड पोर्टल के लॉन्च होने से सहारा (Sahara) में निवेश करने वाले 10 करोड़ निवेशकों बड़ी खुशी मिली है. जिन निवेशकों ने सहारा में पैसा निवेश किया है, उन्हें सबसे पहले ये चेक करना होगा कि उनका पैसा किस कॉ कोऑपरेटिव में लगा है. फिर उससे जुड़े अपने सारे दस्तावेज जुटाने होंगे.

सहारा रिफंड पोर्टल

https://mocrefund.crcs.gov.in/

मोदी सरकार ने आज करोड़ों लोगों को आशा की नई किरण दी है। सहारा सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपये फंसे हुए थे, उन्हें अब पारदर्शी तरीके से उनके रुपये वापस मिलेंगे। इसके लिए आज ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया जिस पर निवेशक रिफंड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। डॉक्यूमेंट वेरीफाई होने के बाद राशि सीधे जमाकर्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांस्फर कर दी जाएगी। इससे अनेक पीड़ित परिवारों में खुशियां आएंगी।

इन 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक कर सकेंगे आवेदन

  • सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ
  • सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल
  • हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता
  • स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद

अभी केवल 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा

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अमित शाह ने कहा कि पहले फेज में जमाकर्ताओं को 10,000 रुपए तक का ही रिफंड मिलेगा। यानी अगर जमा राशि 20,000 भी है तब भी केवल 10,000 रुपए ही अकाउंट में ट्रांसफर होंगे। लगभग 1.07 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें पूरा पैसा मिलेगा क्योंकि उनका निवेश 10,000 रुपए तक का ही है।

पहले फेज में 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड


शाह ने कहा कि पहले फेज में कुल 4 करोड़ निवेशक ऐसे हैं जिन्हें 5,000 करोड़ रुपए का रिफंड दिया जाएगा। इसके बाद, हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और उनसे ज्यादा धनराशि जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि 10,000 से अधिक राशि वाले दूसरे डिपॉजिटर्स का कुल रिफंड दिया जा सके।

सहारा रिफंड पोर्टल से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब:

1. जमाकर्ता के पास क्या-क्या डिटेल्स होनी चाहिए?

  • सदस्यता संख्या
  • जमा खाता संख्या
  • आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
  • जमा प्रमाणपत्र/पासबुक
  • ई.पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000/- और अधिक है)

2. यदि मेरे पास पैन कार्ड नहीं है तो क्या होगा?


यदि दावा राशि 50,000/- और इससे ज्यादा है तो जमाकर्ता के पास पैन कार्ड होना चाहिए। अगर नहीं है तो इसे बनवाना होगा।

3. क्या आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट अनिवार्य है?


डिपॉजिटर्स के पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक अकाउंट होना जरूरी है। इसके बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।

4. बैंक अकाउंट से आधार सीडिंग की जांच कैसे करें?


बैंक अकाउंट के साथ आधार लिंक है या नहीं इसकी स्थिति की जांच करने के लिए UIDAI वेबसाइट पर जाएं।

5. क्या जमाकर्ता को एक ही दावा प्रपत्र में सभी डिपॉजिट की डिटेल्स देना आवश्यक है?


जमाकर्ता को सभी जमाओं की डिटेल्स एक ही दावा फॉर्म (प्रपत्र) में जोड़कर देना होगा। जमा प्रमाणपत्र या पासबुक की कॉपी भी अपलोड करनी होगी।

6. क्या जमाकर्ता दावा फॉर्म जमा करने के बाद और दावे जोड़ सकता है?


जी नहीं, दावा फॉर्म जमा करने के बाद जमाकर्ता कोई दावा नहीं जोड़ सकते। इसलिए एक बार में ही ठीक से फॉर्म भरें।

7. जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि उसका फॉर्म सफलतापूर्वक पेश हो गया है?


दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत होने पर, पोर्टल पर एक रसीद संख्या दिखाई देगी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आएगा।

8. जमाकर्ता को रिफंड की राशि कितने दिनों में मिलेगी?


अप्रूवल के बाद जिस तारीख को आपने दावा किया है उससे 45 दिनों के अंदर दावा राशि आधार से जुड़े अकाउंट में आ जाएगी।

9. क्या जमाकर्ता दावा आवेदन आंशिक रूप से भरने के बावजूद बाहर निकल सकता है?


जी हां, जमाकर्ता पोर्टल से बाहर निकल सकता है। बाद में फिर से लॉगइन कर प्रोसेस जहां छोड़ी थी वहां से कंटीन्यू कर सकता है।

10. क्या जमाकर्ता किसी भी फाइल टाइप में डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकता है?


डॉक्यूमेंट्स को पीडीएफ/जेपीईजी/पीएनजी/जेपीईजी2 में ही अपलोड कर सकते हैं।

5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे


सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।

जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस


डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी में लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे।

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