बालोतरा में भूमि घोटाले का बड़ा खुलासा: नगर परिषद ने 19 फर्जी पट्टे किए निरस्त, 13500 वर्ग फीट सरकारी भूमि पर अवैध कॉलोनी का निर्माण

Media Desk
By Media Desk 1

बालोतरा, राजस्थान — नगर परिषद बालोतरा में एक बड़ा ज़मीन घोटाला उजागर हुआ है, जिसमें करीब 13500 वर्ग फीट सरकारी भूमि को खुर्द-बुर्द कर अवैध रूप से पट्टे जारी कर दिए गए। यह खुलासा खसरा संख्या 609 से संबंधित है, जहां नियमों की अनदेखी कर औद्योगिक और सरकारी भूमि पर आवासीय कॉलोनी काटी गई। नगर परिषद ने इस मामले में 19 पट्टों को निरस्त करते हुए जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

Balotra News Photo

मामला क्या है?

नगर परिषद क्षेत्र की खसरा संख्या 609 (पुराना खसरा 312) में “मिलाप टेक्सटाइल” के नाम से औद्योगिक प्रयोजनार्थ भूमि दर्ज थी। बावजूद इसके, इस भूमि पर नियमों को ताक पर रखते हुए “संभवनाथ कॉलोनी” के नाम से आवासीय कॉलोनी विकसित कर दी गई। कॉलोनी में कुल 72500 वर्ग फीट भूमि दिखाई गई, जबकि स्वामित्व मात्र 60000 वर्ग फीट भूमि का था। शेष 13500 वर्ग फीट सरकारी भूमि को भी कॉलोनी में जोड़कर प्लॉट काटे गए और बेचे गए।

Balotra News Photo
नगर परिषद की ओर से जारी पट्टा निरस्तीकरण की सूचना जो एक राज्य स्तरीय समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई गई।

गंभीर अनियमितताएं

  • ले-आउट प्लान और टाउन प्लान स्वीकृति नहीं ली गई
  • कोई सुविधा क्षेत्र नहीं छोड़ा गया, जबकि नियमानुसार लगभग 24000 वर्ग फीट क्षेत्र सुविधा क्षेत्र हेतु आरक्षित होना चाहिए था
  • सरकारी भूमि को अवैध रूप से कब्जा कर प्लॉट बेचे गए
  • नक्शा स्वीकृति और ज़मीन के प्रकार परिवर्तन के बिना आवासीय पट्टे बना दिए गए

किसका नाम सामने आया?

इस मामले में प्रमुख रूप से प्रकाश आज़ाद पुत्र भरत आज़ाद और उनकी पत्नी सुशीला देवी का नाम सामने आया है। आरोप है कि इन दोनों ने मिलकर न केवल अपनी निजी भूमि बेची, बल्कि उसमें सरकारी भूमि भी शामिल कर कॉलोनी काट दी। यह सब नगर परिषद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से संभव हो पाया।

शिकायत, जांच और कार्रवाई

पूर्व पार्षदों द्वारा की गई लिखित शिकायत के आधार पर नगर परिषद ने इस मामले की जांच की। शिकायत में इन अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया था। जांच के बाद परिषद ने संबंधित पट्टा धारकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, लेकिन जवाब न आने पर 19 पट्टे निरस्त कर दिए गए।

- Advertisement -
Ad imageAd image

प्रशासन की सख्ती

नगर परिषद प्रशासक डॉ. गुंजन सोनी के निर्देश पर आयुक्त द्वारा पट्टा निरस्तीकरण का आदेश जारी किया गया। इसके साथ ही, एक राज्य स्तरीय समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित कर:

  • पट्टा धारकों को 7 दिन में मूल पट्टे जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं
  • बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को इन पट्टों पर किसी प्रकार का ऋण जारी न करने की सख्त हिदायत दी गई है

हर दिन नए खुलासे

नगर परिषद में प्रशासक नियुक्त होने के बाद से ही लगातार ऐसे घोटालों का खुलासा हो रहा है। एकल हस्ताक्षर पट्टा प्रकरण से लेकर सरकारी भूमि की बंदरबांट तक कई मामले अब खुल कर सामने आ रहे हैं, जिससे नगर परिषद की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

Share This Article
By Media Desk Media Team
Follow:
Balotra News Media Team