बालोतरा।
बालोतरा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले रासायनिक दूषित पानी का मुद्दा एक बार फिर गंभीर रूप से सामने आया है। रविवार देर रात सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने करीब चार घंटे तक प्रभावित क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जेरला, खेड़, सीईपीटी प्लांट और विभिन्न आवासीय व कृषि क्षेत्रों का दौरा कर दूषित जलभराव और उसके खतरनाक असर को देखा।
बेनीवाल ने कहा कि औद्योगिक इकाइयाँ एनजीटी और पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। अवैध तरीके से छोड़े जा रहे रासायनिक पानी से हजारों बीघा जमीन बंजर हो चुकी है, वहीं मरुगंगा लूणी नदी भी पूरी तरह जहरीले पानी से प्रभावित हो चुकी है। इसके कारण खेत, गौचर, वनस्पति, पशु-पक्षी और आमजन का जीवन खतरे में है। ग्रामीणों में कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियाँ बढ़ रही हैं।

सीईपीटी प्लांट की हकीकत उजागर
निरीक्षण के दौरान सांसद ने सीईपीटी प्लांट की वास्तविकता पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि—
- कागजों में 18 MLD क्षमता वाला प्लांट बताया जा रहा है, लेकिन केवल 2 MLD ही संचालित है।
- शेष दूषित पानी सीधे लूणी नदी और खुले नालों में छोड़ा जा रहा है।
- हर साल फैक्ट्रियों से लगभग ₹60 करोड़ टैक्स वसूला जाता है, लेकिन उसका 20% भी पर्यावरण व जनहित पर खर्च नहीं होता।

बेनीवाल ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सीईटीपी ट्रस्ट की बैठकों और संचालन पर भी सवाल खड़े किए गए। उन्होंने कहा कि चहेते उद्यमियों को एनओसी दिलाई जाती है और अवैध फैक्ट्रियों को संरक्षण दिया जाता है।
निरीक्षण में चौंकाने वाले नजारे
सांसद ने यह भी बताया कि जिन प्लांट्स को 24 घंटे चालू बताया जाता है, वहाँ मशीनों पर कबूतर और पक्षियों ने घोंसले बना लिए हैं और अंडे दे रखे हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि मशीनें महीनों से बंद पड़ी हैं।
मुख्यमंत्री से सीधा सवाल
बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी निशाना साधते हुए कहा—
“आपने दस महीनों में तीन बार बालोतरा का दौरा किया, लेकिन जोधपुर और बालोतरा की फैक्ट्रियों से छोड़े जा रहे रासायनिक पानी की समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। जोधपुर व बालोतरा जिले के दर्जनों गांव, लूणी व जोजरी नदी गंभीर रूप से प्रदूषित हैं। खेत बंजर हो रहे हैं, कुएं व जलाशय जहरीले हो चुके हैं, मवेशी और वन्यजीव मर रहे हैं, लेकिन सरकार अब तक मौन है।”
सांसद ने सरकार से पांच सीधे सवाल पूछे—
- जब सीईपीटी प्लांट काम ही नहीं कर रहा, तो फैक्ट्रियों को दूषित पानी छोड़ने की छूट क्यों?
- जिम्मेदार अधिकारी किसके इशारे पर उद्यमियों से मिलीभगत कर प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं?
- हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों की अवहेलना के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं?
- भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का खामियाज़ा आमजन और पर्यावरण कब तक भुगतेगा?
- जिला कलेक्टर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी आखिर कब तय होगी?

सख़्त कार्रवाई की मांग
बेनीवाल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते जोधपुर और बालोतरा की अवैध फैक्ट्रियों पर रोक नहीं लगाई और लूणी नदी व प्रकृति संरक्षण को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियाँ इस अपराध के लिए हमें माफ़ नहीं करेंगी।
👉 यह मुद्दा अब केवल बालोतरा तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे पश्चिमी राजस्थान की स्वास्थ्य और पर्यावरणीय सुरक्षा से जुड़ा है।