गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में जोधपुर कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस चलाने का आदेश दिया है। एसीजेएम सीबीआई केस अदालत ने यह आदेश दिया है, जिसमें आरोपी पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लिया गया प्रसंज्ञान, तत्कालीन चूरू SP राहुल बारहट, तत्कालीन ASP विद्या प्रकाश चौधरी, DSP सूर्यवीर सिंह राठौड़, RAC हैड कांस्टेबल कैलाश के विरुद्ध प्रसंज्ञान, धारा 302 के तहत लिया प्रसंज्ञान, गवाहों की मांगी सूची, 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में SOG ने किया था एनकाउंटर, ACJM सीबीआई केसेज अदालत ने लिया संज्ञान, कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को किया अस्वीकार
आनंदपाल की पत्नी राजकंवर के वकील त्रिभुवन सिंह भाटी ने बताया कि जब आनंदपाल का एनकाउंटर हुआ था, तो पुलिस ने इसकी जांच की थी। बाद में, मामले ने राजनीतिक रंग पकड़ लिया और सरकार ने इसे सीबीआई के हाथों में सौंप दिया। सीबीआई ने जांच पूरी करके क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, लेकिन इसमें आनंदपाल की पत्नी या किसी अन्य को पार्टी नहीं बनाया गया।
त्रिभुवन सिंह भाटी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में आनंदपाल की पत्नी राजकंवल को पार्टी बनाने के लिए आवेदन किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद, उन्होंने एक प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की और इसमें चार गवाहों के बयान दर्ज कराए। इनमें दो डॉक्टर, आनंदपाल का भाई (जो घटना का चश्मदीद गवाह था), और आनंदपाल की पत्नी शामिल थे।
कोर्ट ने इन गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, और आरएसी हैड कांस्टेबल कैलाश के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2024 से पहले दवा सूची पेश करने का निर्देश भी दिया है और इस मामले की सुनवाई भी उसी दिन होगी।
यह घटना 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में हुई थी, जब एसओजी ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया था।
क्या था पूरा मामला
राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में जोधपुर कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। ACJM सीबीआई केसेज अदालत ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
गैंगस्टर आनंदपाल की पत्नी राजकंवर की पत्नी के वकील त्रिभुवन सिंह भाटी ने बताया कि आनंदपाल का जब एनकाउंटर हुआ था तो पुलिस ने इसकी जांच की थी लेकिन जब मामले ने राजनीतिक पल पकड़ लिया तो सरकार ने इसे सीबीआई जांच के लिए सौंप दे दिया। सीबीआई ने मामले की जांच करके मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी लेकिन जब क्लोजर रिपोर्ट पेश हुई तो उसमें आनंद पास की पत्नी या किसी को पार्टी नहीं बनाया गया।
कोर्ट के सामने 4 लोगों बयान दर्ज कराए- त्रिभुवन सिंह भाटी
त्रिभुवन सिंह भाटी ने बताया कि इसके बाद हमने कोर्ट में आनंदपाल की पत्नी राजकमल को पार्टी बनाने के लिए एक एप्लीकेशन लगाई जो कि कोर्ट ने स्वीकार कर ली। जब कोर्ट ने हमें पार्टी बना लिया तो हमने इसके लिए कोर्ट में एक प्रोटेस्ट पिटीशन दायर की और उसे प्रोटेस्ट पिटीशन में हमने चार गवाहों के बयान दर्ज कराए। जिसमें दो डॉक्टर थे, एक आनंदपाल का भाई था जो इस घटना का चश्मदीद गवाह भी था और आनंदपाल की पत्नी राजकंवल।
कोर्ट ने खारिज की CBI की क्लोजर रिपोर्ट, आरोपी पुलिसवालों पर चलेगा हत्या का केस
आनंदपाल की पत्नी राजकंवल के वकील ने बताया कि इन चारों लोगों के बयान हमने अदालत के सामने दर्ज कराए। कोर्ट ने गवाहों की गवाही सुनने के बाद और सबूत को ध्यान में रखते हुए सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया है और इस मामले में पुलिस को हत्या का दोषी माना गया है। इस मामले में तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हैड कांस्टेबल कैलाश के विरुद्ध धारा 302 के तहत प्रसंज्ञान लिया गया है और हमें हिदायत दी गई है कि आप 16 अक्टूबर 2024 से पहले अपनी दवा सूची पेश करें और इस मामले की पर भी करें इस मामले की सुनवाई भी 16 10.2024 को ही होगी।
एसीजेएम कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लिया प्रसंज्ञान
गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर करने वाले 5 पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने इनके खिलाफ प्रसंज्ञान लेते हुए हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है।
एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हेड कॉन्स्टेबल कैलाश के विरुद्ध मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं।
आनंदपाल की पत्नी ने पेश किए कई गवाह
24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने आनंदपाल का एनकाउंटर किया था। एनकाउंटर के बाद से ही इस पर सवाल उठ रहे थे। एनकाउंटर को लेकर सीबीआई ने 2020 में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी, जिसे आनंदपाल की पत्नी राजकंवर ने चैलेंज किया। एसीजेएम कोर्ट में 2020 में प्रोटेस्ट पिटिशन दायर की। सुनवाई के दौरान कोर्ट में चार साल में राजकंवर की ओर से कई गवाह पेश किए गए।
राजकंवर के वकील भंवर सिंह और त्रिभुवन सिंह राठौड़ ने बताया- यह एनकाउंटर नहीं था और छत पर आनंदपाल को नजदीक से एक के बाद एक गोली मारी गई। गोली बहुत नजदीक से थी, इसकी पुष्टि डॉक्टर ने भी की है। कोर्ट में कई गवाहों को पेश किया गया। उनके आधार पर एसीजेएम कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है। कोर्ट ने राजकंवर की ओर से गवाहों की सूची भी 16 अक्टूबर से पहले पेश करने के आदेश दिए हैं।
आनंदपाल के करीबी दोस्त ने बताया था उसका ठिकाना
3 सितंबर 2015 को आनंदपाल को नागौर जिले के डीडवाना कोर्ट में पेशी पर ले जाया गया था। वापसी के दौरान उसका छोटा भाई विक्की उर्फ रूपेश अपने साथियों के साथ हथियार से लैस होकर आया। पुलिस वाहन पर फिल्मी स्टाइल में ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी और आनंदपाल को भगाकर ले गया। एसओजी को तभी से दोनों भाइयों और उसके गैंग की तलाश थी।
दो साल बाद 2017 में एसओजी को तब बड़ी सफलता मिली, जब उसने हरियाणा के सिरसा से विक्की और आनंदपाल के करीबी दोस्त देवेंद्र उर्फ गट्टू को दबोच लिया। दोनों से काफी समय तक एसओजी ने पूछताछ की, लेकिन कुछ नहीं बोले। टीम ने दोनों को एनकाउंटर करने की धमकी दी। इस पर गट्टू टूट गया। उसने ही एसओजी की टीम के तत्कालीन आईजी दिनेश एमएन को आनंदपाल के ठिकाने के बारे में बताया।
24 जून 2017 को टीम चूरू के मालासर में गट्टू के बताए ठिकाने श्रवण के घर पहुंची। उस घर को रात में पुलिस ने पूरी तरह घेर लिया। जब पुलिस पर फायरिंग होने लगी, तब जवाबी फायरिंग के दौरान आनंदपाल की मौत हो गई।
आपको बता दें कि 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया था।