पैंथर का आतंक: बालोतरा के रोडवा कला गांव में दो ग्रामीणों पर हमला, ग्रामीणों ने दहशत में गुजारी रात

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राजस्थान के बालोतरा जिले के मंडली थाना क्षेत्र के रोडवा कला गांव में सोमवार शाम एक पैंथर के हमले से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। यह हमला शाम करीब 6 बजे हुआ, जब ग्राम पंचायत भवन के पास पैंथर के दिखाई देने की खबर मिली। पैंथर ने दो सगे भाइयों पर हमला कर दिया, जिससे दोनों घायल हो गए। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने पूरी रात भय के साए में बिताई और वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

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दो सगे भाइयों पर हमला

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, शंकरराम और हुकमाराम नामक दो सगे भाई उस समय बस स्टैंड के पास थे जब पैंथर दिखाई दिया। लोगों के शोर मचाने पर पैंथर पास के एक बाड़े की ओर भागा और वहीं इन दोनों भाइयों पर हमला कर दिया। इस हमले में एक के पैर और दूसरे के हाथ पर गंभीर चोटें आईं। दोनों घायलों को मंडली सीएचसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

मौके पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम

घटना की सूचना मिलते ही मंडली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। इसके बाद सिवाना और बालोतरा से वन विभाग की टीमों को रवाना किया गया। रात करीब 9 बजे बालोतरा वन विभाग के रेंजर उमराव सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

कमरे से भाग गया पैंथर

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पैंथर एक कमरे में छिपा हुआ था लेकिन कमरे में दरवाजा नहीं था और खिड़कियां भी खुली थीं। ट्रेंकुलाइज़र गन के इंतजार में समय निकलता गया और रात 10 बजे के करीब पैंथर वहां से भाग निकला। इसके बाद बालोतरा, बाड़मेर और जोधपुर से अतिरिक्त टीमें बुलाकर भारतमाला तक पैंथर के पगमार्क तलाशे गए।

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जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

हालांकि वन विभाग की ओर से आज सुबह से ही सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन अब तक पैंथर का कोई सुराग नहीं मिला है। रोडवा कला सहित आस-पास के क्षेत्र में लगातार पैंथर की मूवमेंट देखी जा रही है, जिससे लोगों में खौफ बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग का रेस्क्यू अभियान केवल औपचारिकता तक ही सीमित है और अभी तक ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं।

ग्रामीणों में भय का माहौल

घटना के बाद ग्रामीणों ने पूरी रात जागकर बिताई। लोगों ने लाठियों के साथ पहरा दिया ताकि कोई अनहोनी न हो। बच्चों और बुजुर्गों में खासकर भय का माहौल है। पशुओं की सुरक्षा को लेकर भी लोग चिंतित हैं।

रिफाइनरी क्षेत्र में भी दिखा था तेंदुआ

गौरतलब है कि इससे पहले बालोतरा के रिफाइनरी क्षेत्र में भी तेंदुए की मूवमेंट देखी गई थी, जिसके बाद वन विभाग ने उस इलाके में रेस्क्यू अभियान रोक दिया था। अब मंडली थाना क्षेत्र में यह घटना सामने आना वन विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहा है।

बालोतरा जिले में लगातार बढ़ रही पैंथर और तेंदुओं की मूवमेंट ने वन विभाग और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जब तक इन जानवरों को सुरक्षित तरीके से पकड़ा नहीं जाता, तब तक क्षेत्र के लोग असुरक्षित और भयभीत रहेंगे।

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