राजस्थान के बालोतरा जिले के सिवाना तहसील के चुली बेरा गांव धारणा में एक व्यक्ति ने खुद को जीवित साबित करने के लिए सरकारी स्कूल में शिक्षकों पर हमला कर दिया। हमलावर बाबुराम को ज़मीन-जायदाद हड़प लिये जाने का डर सता रहा था। घटना में हेड मास्टर हरदयाल सैनी और शिक्षक सुरेश गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना का विवरण:
19 जुलाई 2024 को चुली बेरा ग्राम धारणा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में चाकूबाजी की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। हमलावर बाबुराम को लोगों ने पकड़ रखा था। घायल शिक्षकों को इलाज के लिए जोधपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाबुराम को भी प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रैफर किया गया।
घटना की पृष्ठभूमि
बाबूराम ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे कहा गया था कि उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बन गया है और उसे मृत घोषित कर दिया जाएगा। इस डर से उसने यह कदम उठाया। उसने पहले भी कई बार अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए ऐसी घटनाएं की थीं। बाबूराम ने हाल ही में गुजरात में रोजगार की तलाश की, लेकिन असफल रहने के बाद वापस लौट आया। घटना के दिन उसने शराब पी और 19 जुलाई को चुली बैरा गांव धारणा के सरकारी स्कूल में घुसकर बच्चों को बंधक बनाने की कोशिश की और चाकूबाजी की घटना को अंजाम दिया ।
हमलावर का बयान:
बाबुराम ने पुलिस को बताया कि उसे मृत घोषित कर उसकी संपत्ति हड़पने की साजिश की जा रही थी। इससे पहले भी वह अपने गांव में मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया था। बाबुराम रोजगार की तलाश में गुजरात गया था, लेकिन असफल रहा। वापसी पर उसने पेट्रोल और चाकू खरीदा और स्कूल में शिक्षकों पर हमला कर दिया। ताकि प्रशासन पर दबाव बना सके और ख़ुद को ज़िंदा साबित कर सके. उसने हमले को इसलिए अंजाम दिया की वो अपराध करेगा तो पुलिस के रिकॉर्ड और सरकारी दस्तावेज, मीडिया कवरेज में उसका नाम आएगा और जिससे अपने आप को जिंदा साबित कर सकता है
राजस्थान सरकार ने बना दिया जिन्दा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र , ख़ुद को ज़िन्दा साबित करने के लिए सरकारी स्कूल में शिक्षकों को बंधक बनाकर चाकू से हमला ! pic.twitter.com/isaa2wyEAM
— Balotra News – बालोतरा न्यूज़ (@BalotraNews) July 24, 2024
हमले का कारण:
जांच के दौरान बाबूराम ने बताया कि किसी ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया है और उसे मृत घोषित करने की साजिश हो रही है। उसे डर था कि उसकी जमीन-जायदाद हड़प ली जाएगी और उसकी पत्नी और बच्चों को खतरा हो सकता है। इसी मानसिक तनाव और भय के चलते उसने यह कदम उठाया। उसका उद्देश्य था कि वह किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करेगा।
पुलिस की कार्यवाही:
पुलिस अधीक्षक कंवरिया और अन्य अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया। स्कूल की अध्यापिका निर्मला द्वारा दी गई रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया और जांच शुरू की गई।
आरोपी की गिरफ्तारी:
बाबूराम पुत्र पूनमाराम, उम्र 40 वर्ष, निवासी मिठोड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना की आगे की जांच जारी है।