बालोतरा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी ने बालोतरा व आसपास के औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे गंभीर प्रदूषण के मामलों का गहन निरीक्षण किया। टीम ने बालोतरा व खेड़ एचआरटीएस, रामकी प्लांट और जेरला के एसटीपी प्लांट का जायजा लिया। हर स्थान पर रासायनिक प्रदूषण की भयावह स्थिति देखकर कमेटी के सदस्य संगीत लोढ़ा ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) को कड़ी फटकार लगाई।

निरीक्षण के दौरान लोढ़ा ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
“जहाँ भी जाता हूँ, प्रदूषित पानी ही नजर आ रहा है। अगर पहले ही सख्त कार्रवाई की जाती, तो आज यह हालात पैदा नहीं होते।”
पहले दिन प्रशासन पर भटकाने के आरोप
निरीक्षण के पहले दिन कमेटी को प्रशासन द्वारा कथित रूप से भटकाने का प्रयास किया गया। टीम को बीओटी पुल के रास्ते जसोल सीईटीपी ले जाया गया और वहीं से वापस बीओटी पुल होते हुए बालोतरा सीईटीपी पहुंचाया गया।
जबकि 4th रेलवे क्रॉसिंग से बालोतरा सीईटीपी का रास्ता अधिक नजदीक है। यदि उस मार्ग से जाया जाता, तो लूनी नदी में फैला रासायनिक प्रदूषित पानी सीधे तौर पर सामने आ जाता।
दूसरे दिन एचआरटीएस पर खुली पोल
दूसरे दिन शिकायतों के आधार पर कमेटी एचआरटीएस पहुंची। यहां कई बीघा क्षेत्र में रासायनिक पानी भरा हुआ पाया गया।
कमेटी ने सीईटीपी प्रबंधन से तीखे सवाल किए:
- “आपका प्लांट ZLD (Zero Liquid Discharge) है, तो यहां पानी स्टोर क्यों किया जा रहा है?”
- “जब पहले ही इस एचआरटीएस को बंद करने के आदेश दिए जा चुके थे, तो यह कैसे चालू है?”
साथ ही सवाल उठाया गया कि सीईटीपी को लूनी नदी के किनारे ही क्यों बनाया गया, और रीको के नालों का भी निरीक्षण किया गया।
जज ने स्पष्ट कहा कि “आप पानी आखिर छोड़ते कहाँ हैं? हमारे पास इसके वीडियो साक्ष्य भी मौजूद हैं।”
इस पर सीईटीपी और आरओ दीपक तंवर को कड़ी फटकार लगाई गई।
रामकी प्लांट: जहरीली हवा, मास्क पहनने को मजबूर
इसके बाद टीम रामकी प्लांट पहुंची, जहां ग्रामीणों ने प्रदूषण से जुड़ी गंभीर समस्याएं सामने रखीं।
स्थिति इतनी भयावह थी कि रासायनिक स्लज और उड़ते रासायनिक कणों के कारण सभी को मास्क पहनने पड़े। हवा में घुला जहर हालात की गंभीरता खुद बयान कर रहा था।
जेरला गांव: रासायनिक पानी में डूबा श्मशान
टीम का अगला पड़ाव जेरला गांव रहा। गांव में रासायनिक पानी का भारी भराव देखकर आरओ को फिर फटकार लगाई गई।
यहां श्मशान घाट तक रासायनिक पानी में डूबा हुआ मिला। हालात ऐसे थे कि यहां भी सभी को मास्क पहनने पड़े। यह दृश्य प्रदूषण की भयावहता का जीवंत प्रमाण बन गया।
बिठूजा सीईटीपी और जनसुनवाई
इसके बाद टीम ने बिठूजा सीईटीपी और एचआरटीसी का निरीक्षण किया।
शाम को कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई आयोजित की गई, जहां आमजन ने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। लोगों ने पानी, हवा और स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायतें कमेटी के सामने दर्ज कराईं।
जोधपुर रवाना हुई टीम
दिनभर चले निरीक्षण और जनसुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की कमेटी शाम को जोधपुर के लिए रवाना हो गई।
निरीक्षण के दौरान सामने आए हालातों ने यह साफ कर दिया कि बालोतरा और आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक प्रदूषण एक गंभीर संकट बन चुका है, जिस पर तत्काल और कठोर कार्रवाई की जरूरत है।








