बालोतरा में इस वर्ष का दशहरा उत्सव पूरे जोश और उल्लास के साथ मनाया गया, लेकिन रावण दहन के दौरान आई तकनीकी खामियों ने कार्यक्रम का मज़ा किरकिरा कर दिया। सूर्यास्त के बाद जैसे ही रावण दहन का समय आया, विधायक अरुण चौधरी ने दहन के लिए रिमोर्ट का स्विच दबाया, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते यह सिस्टम फैल हो गया।
इस तकनीकी समस्या के बाद कार्यक्रम का प्रबंधन कर रहे कर्मियों ने मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों को रॉकेट से जलाने की कोशिश की। पुतलों में पटाखे की कमी और उनके खोखले होने के कारण वे अधजले रह गए, जिससे वहां उपस्थित दर्शकों में नाराजगी बढ़ गई। भीड़ ने नगर परिषद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिससे नगर परिषद के सभापति और अधिकारियों को आलोचना का सामना करना पड़ा।
अंततः, रावण के पुतले को भी मैनुअल तरीके से जलाया गया, क्योंकि रिमोट कंट्रोलर फिर से काम नहीं कर सका। इस पूरे कार्यक्रम में नगर परिषद ने करीब 7 लाख रुपए खर्च किए थे, लेकिन अधजले पुतलों और बार-बार हुई तकनीकी समस्याओं के कारण लोग निराश दिखाई दिए।
इस दौरान बजरंग दल द्वारा कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और रामलीला की झांकी भी निकाली गई, जो कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। दशहरा कार्यक्रम में पूरा शहर एक जनसैलाब के रूप में उमड़ पड़ा था, लेकिन तकनीकी खामियों ने उत्सव के उत्साह को फीका कर दिया।
निष्कर्ष
बालोतरा में आयोजित दशहरा कार्यक्रम ने लोगों को उत्साहित किया, लेकिन नगर परिषद की तैयारियों में आई खामियों ने इसे विवादों में घेर लिया। दर्शकों की उम्मीदों पर खरा न उतरने के कारण आयोजन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।