राजस्थान के बालोतरा जिले के कीतपाला गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षकों की मनमानी के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। गांव में 8 शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन इनमें से केवल एक या दो ही शिक्षक ही स्कूल आते हैं। प्रधानाध्यापक समेत कुछ शिक्षक हर रोज अवकाश पर रहते हैं ।
गांव वालों ने बताया कि शिक्षकों की स्कूल पर समय पर नहीं आने से उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। उन्होंने कई बार जिला कलेक्टर और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी दिए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
गांव वालों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक के एक रिश्तेदार एडीएम बालोतरा के पद पर कार्यरत है प्रधानाध्यापक ADM पद के धौस पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भी इस स्कूल के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई करने से डर रहे हैं।
गांव वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि विद्यालय के विकास के लिए एक समिति का निर्माण किया गया था। प्रधानाध्यापक द्वारा उस समिति को नियमों के विरुद्ध भंग कर दिया गया है और अब लेनदेन का हिसाब भी नहीं दिया जा रहा है। समिति ने विद्यालय में सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया था, जिसे प्रधानाध्यापक ने बंद कर दिया है।
- बालोतरा जिले के कीतपाला गांव के सरकारी स्कूल में 8 शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन इनमें से केवल एक या दो ही शिक्षक ही स्कूल आते हैं।
- प्रधानाध्यापक हर रोज अवकाश पर रहते हैं !
- शिक्षकों की स्कूल पर समय पर नहीं आने से गांव वालों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है।
- गांव वालों ने कई बार जिला कलेक्टर और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी दिए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
- गांव वालों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक के रिश्तेदार एडीएम बालोतरा के पद के धौस पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भी इस स्कूल के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई करने से डर रहे हैं।
कीतपाला गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षकों की मनमानी से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। जिला प्रशासन को इस मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप करना चाहिए और शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
अभिभावकों ने मांग की है कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए और स्कूल में पढ़ाई सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
समस्त ग्रामवासी कितपाला