बालोतरा, 14 जून 2024: जिला पुलिस बालोतरा ने बहुचर्चित प्रतापदान गला काटने की घटना का खुलासा करते हुए सनसनीखेज जानकारी दी है। पुलिस ने बताया कि प्रतापदान ने ही खुद को चाकू से गला काटा था।
पुलिस जांच:
- पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि प्रतापदान ने झूठा मामला दर्ज कराया था।
- वास्तव में, 25 अप्रैल को प्रतापदान और भोजराजसिंह के बीच झगड़ा हुआ था, जिसमें भोजराज ने प्रतापदान को गर्म चिमटे से जला दिया था।
- प्रतापदान ने बदनामी के डर से खुद को चाकू से गला काट लिया था।
- पुलिस ने भोजराजसिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना का संक्षेप
बालोतरा जिले में प्रतापदान द्वारा की गई सनसनीखेज गला काटने की घटना का खुलासा हो गया है। घटना के पीछे झूठे आरोप, आपसी रंजिश और मानसिक तनाव के कारण प्रतापदान ने यह कदम उठाया था। पुलिस अधीक्षक कुदन कंवरिया आईपीएस ने बताया कि प्रतापदान ने अपने साथ हुई हिंसा और झूठे आरोपों के भय से गला काटा था।
घटना का विवरण
प्रारंभिक रिपोर्ट
प्रतापदान ने दिनांक 28.04.2024 को थाना बालोतरा पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि मालाराम और उसके सहयोगियों ने 25.04.2024 की रात को फैक्ट्री जाते समय गर्म लोहे के सरिए से हमला किया और उसे चोटिल किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रतापदान की जेब से 1700 रुपये भी छीन लिए थे।
गला काटने की घटना
अनुसंधान के दौरान, प्रतापदान द्वारा खुद गला काटने की सनसनीखेज घटना सामने आई। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बालोतरा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र कुमार यादव के सुपरविजन में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
घटना का खुलासा
अनुसंधान से पता चला कि प्रतापदान और भोजराज के बीच शराब के नशे में गाली-गलौज और मारपीट हुई थी। भोजराज ने प्रतापदान को गर्म लोहे के चिमटे से दागा था, लेकिन प्रतापदान ने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई थी। भोजराज ने प्रतापदान से माफी मांग ली थी।
प्रतापदान ने परिचित नरेन्द्र कुमार और मालाराम के बीच की पुरानी रंजिश का फायदा उठाकर मालाराम पर झूठे आरोप लगाए थे। मालाराम के खिलाफ झूठे बयान देने के बाद, प्रतापदान ने बदनामी के डर से अपने गला काट लिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटना की वास्तविकता जानने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रतापदान से पूछताछ की। प्रतापदान ने स्वीकार किया कि उसने खुद अपने गला काटा था। पुलिस ने भोजराज को पहले ही गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया था।
निष्कर्ष
इस घटना से यह स्पष्ट हुआ कि झूठे आरोप, आपसी रंजिश और मानसिक तनाव कैसे किसी व्यक्ति को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर सकते हैं। बालोतरा पुलिस ने तत्परता और सूझबूझ से इस प्रकरण का सफलतापूर्वक खुलासा किया।