बालोतरा, 28 जून 2024: बालोतरा शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के वादे हर चुनाव से पहले किए जाते हैं, लेकिन अब तक ये वादे धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। 2016 से लेकर अब तक, प्रत्येक विधानसभा चुनावी मौसम में विधायक द्वारा पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई जाती है। विधायक निधि कोष से धनराशि स्वीकृत भी होती है, लेकिन अंततः कैमरे नेताओं के अपने इर्द-गिर्द ही लगते हैं अच्छी फोटो लेकर खबरो में सुर्खिया बना देते है और यह योजना केवल चुनावी वादे बनकर रह जाती है।
शहर के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने से अपराध, चोरी, लूट जैसी घटनाओं पर रोकथाम संभव है। मॉनिटरिंग के माध्यम से अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिल सकती है और दुर्घटना पर तुरंत पहुंच कर किसी की जान बचाई जा सकती है।
- चुनावी वादे और धरातल की हकीकत
हर चुनाव से पहले बालोतरा शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के वादे किए जाते हैं। योजना तैयार होती है, बजट स्वीकृत होता है, लेकिन यह योजना कभी भी धरातल पर नहीं उतर पाती , लेकिन यह सब केवल चुनावी घोषणा बनकर रह जाता है।
हाल ही में, तत्कालीन विधायक मदन प्रजापत ने शहर में 21 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई थी और इसके लिए विधायक निधि कोष से 60 लाख रुपये स्वीकृत भी हुए थे। लेकिन यह योजना भी केवल चुनावी जुमला ही साबित हुई। सीसीटीवी कैमरेउनके कार्यकाल में नहीं लगाए गए और जनता को एक बार फिर निराशा हाथ लगी।
- समाधान की दिशा में
बालोतरा जिले के कलेक्टर सुशील कुमार यादव अगर सच्ची लगन से इस मामले को गंभीरता से लें, तो जिले में कई बड़ी कंपनियां कार्यरत हैं जो सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के माध्यम से इस कार्य को अंजाम दे सकती हैं। सीएसआर फंड का उपयोग कर शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं, जिससे अपराधियों पर नजर रखी जा सके और अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
- निष्कर्ष
बालोतरा शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजनाएं अब तक केवल चुनावी वादे बनकर रह गई हैं। जनता को सुरक्षा देने और अपराध पर रोक लगाने के लिए इन योजनाओं को धरातल पर लाना आवश्यक है। जिले के कलेक्टर और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करना चाहिए ताकि बालोतरा शहर सुरक्षित और संरक्षित रह सके।
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