पचपदरा, बालोतरा – मंगलवार को पचपदरा के तेरापंथ भवन के सामने स्थित भोजनशाला की बालकनी अचानक ढह जाने से दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया। मृतकों की पहचान सेवानिवृत्त शिक्षक रामसिंहजी जागरवाल और मिठूसिंह राजपुरोहित के रूप में हुई है। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई, और सैकड़ों की संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा हो गए।
घटनाक्रम और हादसे का विवरण
घटना दोपहर करीब 3:10 बजे हुई, जब भोजनशाला के बाहर बैठे थे। उसी दौरान भोजनशाला की पुरानी और कमजोर हो चुकी बालकनी अचानक भरभरा कर गिर पड़ी, जिससे एक की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरे ने अस्पताल ले जाने के दौरान ही दम तौड़ दिया । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बालकनी गिरने की आवाज सुनते ही लोग घटनास्थल की ओर दौड़े और घायलों को बचाने का प्रयास किया।
इलाज में लापरवाही का आरोप
हादसे के बाद घायल व्यक्ति को तुरंत पचपदरा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने समय पर उपचार नहीं किया, जिससे घायल की स्थिति गंभीर होती गई। मृतकों के परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय पर सही उपचार मिलता तो घायल को बचाया जा सकता था। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही ने उनके दुख को और बढ़ा दिया है।
स्थानीय लोगों का आक्रोश और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। परिजनों और स्थानीय निवासियों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करते हुए दोषी चिकित्सकों और भवन संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लोगों का कहना है कि ऐसी लापरवाही भविष्य में न हो, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और जल्द कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन और परिजनों के बीच समझौता
देर शाम बालोतरा जिला प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से बातचीत की। अधिकारियों ने परिजनों को उचित मुआवजा और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाने में सफलता प्राप्त की। परिजनों और प्रशासन के बीच सहमति बनने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की अपील
यह घटना बालकनी की जर्जर स्थिति के कारण हुई, और लोगों ने अब प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक या निजी भवन की सुरक्षा की जांच हो। प्रशासन को भी ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समय पर कदम उठाने की जरूरत है।
इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है, और लोग चाहते हैं कि जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही के कारण किसी अन्य परिवार को अपना प्रियजन न खोना पड़े।