शहर में खेड़ रोड़ नवकार स्कूल में चल रहे दुर्गा वाहिनी के बैनर तले महिला सशक्तिकरण वर्ग में विभिन्न गली मोहल्ले की 300 बालिकाओं व महिलाओँ में सोमवार को जारूकता ,वीरता, पराक्रम को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है
18 वर्ष से 35 वर्ष के मध्य बालिकाएँ व महिलाएं वर्ग में रुचि ले रही है ,प्रातः 7 बजे प्राथना सभा से शुरू हुए वर्ग के दौरान मुख्य शिक्षका पूर्णिमा लोहिया,सह शिक्षिका सोनल गॉड ने अन्य 10 शिक्षिकाओं द्वारा व्ययाम ,योग ,खेल,दौड़,आसन ,सूर्य नमस्कार,कराटे, आसन,सहित कई तरह के आत्मा रक्षा के गुर सिखाए । विहिप् जिला प्रचार प्रमुख दौलत आर प्रजापत ने बताया कि वर्ग के दौरान सोमवार को बौद्धिक सत्र के दौरान मंचाचीन पूनमचंद सुथार संस्कार भारती प्रांत महामंत्री ,सुरंगीलाल सालेचा समाज सेवी,जसोदा लोहिया वर्ग शिक्षिका ने बालिकाओं को भारतीय समाज ,संस्क्रति,भारतीय महान नारी को लेकर कहा कि सृष्टि का निर्माता भारत है ,भारत की स्थापना 5 लाख 65 हजार वर्ष पूर्व में ऋषि मुनियों व स्वयं देवताओं ने की उस समय 90 लाख वर्ग किलोमीटर ,तक भारत की सीमा थी ,धीरे धीरे विधर्मियों ने देश को टुकड़ो में बांटा ,प्राचीन काल मे भारत को जम्भूदीप,भरत खण्ड,आर्यवर्त, के रूप जाना जाता था । वर्तमान में भारत 30 लाख वर्ग किलोमीटर, भारत की भूमि है इस मिटी का कण कण देव है यहाँ चार धाम ,12 ज्योतिलिग,52 शक्तिपीठ, हिमालय जैसा पर्वत मुकुट,7 पर्वत ,से सजा हमारा देश है ,भारत को वीर भूमि ,ऋषि मुनियों,की भूमि ,व वीर नारियों की भूमि के रूप में जाना जाता है
प्राचीन काल मे भारत मे गुरुकुल व वेद विज्ञान चलता था ,छात्रों के समग्र विकास के लिए जिसमे छात्रों का शारीरिक ,मानसिक,और आध्यात्मिक, विकास और नैतिक मूल्यों ,के साथ साथ संस्कृति ज्ञान जीवन कौशल से सम्बंधित संपूर्ण शिक्षा होती थी ,भगवान राम ने ऋषि वशिष्ठ व पांडवों ने ऋषि द्रोण के यहाँ विद्या अर्जित की थी ,विश्व पटल पर भारत की नारी को शौर्य और वीरता ,साहस ,पराक्रम के रूप में जाना जाता है ,वर्तमान फैशन के युग को छोड़कर भारत की वीर भूमि ,भारत की वीर नारी की पहचान को बनाए रखे ,बालिकाएँ वर्ग के माध्यम से अपने अंदर बदलाव लाए , इस दौरान मंच संचालन नीतू बाहेती ने किया । वर्ग सयोजक निर्मल लुंकड़ के सयोजन में सेविका समिति की 10 शिक्षिकाओं ने वर्गार्थियो को आत्मा रक्षा के गुर सिखाए ।