भारतीय रेल, जो वर्षों से घाटे में चल रही थी और जिसकी सेवाओं को लेकर अक्सर आलोचना होती थी, आज एक नई दिशा में अग्रसर है। इसके पीछे जो नाम है, वह है अश्विनी वैष्णव, जो न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में एक सशक्त मंत्री हैं, बल्कि राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले एक योग्य प्रशासक, इंजीनियर और नेता भी हैं।
मारवाड़, जो पश्चिमी राजस्थान का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र है, सदियों से अपनी नेतृत्व क्षमता और साहस के लिए प्रसिद्ध रहा है। अश्विनी वैष्णव उसी परंपरा की आधुनिक मिसाल हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अश्विनी वैष्णव का जन्म 18 जुलाई 1970 को राजस्थान के जोधपुर शहर में हुआ। हालांकि वे मूलतः पाली जिले के “जीवंद कल्लन” गाँव के निवासी हैं, बाद में उनका परिवार जोधपुर में बस गया। मारवाड़ की कठोर जलवायु, सीमित संसाधनों और मेहनत के बीच पले-बढ़े अश्विनी ने बचपन से ही परिश्रम और शिक्षा को अपना धर्म माना।

उन्होंने MBM इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली, जिसमें उन्हें स्वर्ण पदक भी प्राप्त हुआ। इसके बाद वे IIT कानपुर से एमटेक करने चले गए। उच्च शिक्षा के प्रति उनकी लगन ने उन्हें 2008 में Wharton School, University of Pennsylvania (USA) से MBA (फाइनेंस) करने के लिए प्रेरित किया।

🏛️ प्रशासनिक सेवा में योगदान
1994 में उन्होंने प्रतिष्ठित IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) परीक्षा पास की और ओडिशा कैडर में नियुक्त हुए। एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उन्होंने बालासोर और कटक जिलों के जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया। उस समय उन्होंने बाढ़ प्रबंधन और औद्योगिक नीतियों पर बेहतरीन कार्य किया, जिसकी सराहना हुई।
2003 में उन्हें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में उप सचिव के रूप में तैनात किया गया, जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय नीतियों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह अनुभव उनके राजनीतिक करियर की नींव बन गया।

🏢 कॉर्पोरेट और उद्यमिता क्षेत्र में कदम
प्रशासनिक सेवाओं से कुछ समय के लिए अलग होकर उन्होंने General Electric (GE) Transportation में जनरल मैनेजर और फिर Siemens में वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्य किया। उन्होंने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में गहरी समझ विकसित की।
इसके बाद वे गुजरात में उद्योगपति के रूप में सक्रिय हुए और स्मार्ट सिटी, वेस्ट मैनेजमेंट और लोकोमोटिव निर्माण जैसे क्षेत्रों में कंपनियाँ स्थापित कीं।
🧑🏻💼 राजनीति में प्रवेश और उभार
2019 में भारतीय जनता पार्टी ने अश्विनी वैष्णव को ओडिशा से राज्यसभा का सदस्य बनाया। बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि के उन्होंने अपने व्यावसायिक और प्रशासनिक अनुभव के बल पर संसद में गहरी छाप छोड़ी।
7 जुलाई 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रेल, दूरसंचार, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी। यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी, लेकिन वैष्णव ने उसे बखूबी निभाया।

2024 में उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई, जो उनके प्रति मोदी सरकार के विश्वास को दर्शाता है।
🚄 भारतीय रेल में ऐतिहासिक बदलाव
1. घाटे से मुनाफे की ओर
भारतीय रेल, जो वर्षों से वित्तीय घाटे में थी, अब मुनाफे में है। वैष्णव के नेतृत्व में राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और व्यवस्थागत पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है।

2. वंदे भारत और अमृत भारत जैसी योजनाएं
उन्होंने देश को ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस जैसी अत्याधुनिक ट्रेनों का तोहफा दिया, जो तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक हैं। इसके अलावा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर के 500+ स्टेशनों को पुनर्विकसित किया जा रहा है।
यात्रियों की सुविधा के लिए:
🚉 50 नई नमो भारत ट्रेन
🚉 100 नई MEMU ट्रेन
🚉 50 नई अमृत भारत ट्रेन pic.twitter.com/2hM92vq3Ep
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 17, 2025
3. ‘कवच’ – रेलवे सुरक्षा प्रणाली
‘कवच’ एक स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर-रोधी प्रणाली है, जिसे लागू किया जा रहा है। इससे रेल हादसों में भारी कमी आई है और भारत विश्वस्तरीय रेलवे सुरक्षा मानकों की ओर बढ़ रहा है।
4. 100% विद्युतीकरण और डिजिटलाइजेशन
भारतीय रेल का विद्युतीकरण तेज़ी से बढ़ाया गया है, जिससे ईंधन लागत में कमी और पर्यावरणीय लाभ हुआ है। AI आधारित ट्रेन शेड्यूलिंग, ऑनलाइन टिकटिंग में सुधार, डिजिटल स्टेशनों की दिशा में भी पहल की गई है।
Trial run conducted on newly completed Katni Grade Separator UP Line. pic.twitter.com/qFqhtLToEu
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 3, 2025
📌 चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
किसी भी बड़े बदलाव के साथ कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं। कुछ क्षेत्रों में ट्रेनों की लेटलतीफी, भीड़ और बुनियादी सुविधाओं की कमी अभी भी चिंता का विषय है। इसके अलावा निजीकरण को लेकर भी कई बार आलोचनाएं हुईं, लेकिन वैष्णव ने बार-बार स्पष्ट किया कि सुधार का उद्देश्य रेलवे को अधिक सक्षम और जनता के अनुकूल बनाना है, न कि केवल मुनाफा कमाना।
अश्विनी वैष्णव, जो एक सादा जीवन जीने वाले मारवाड़ी परिवार से आते हैं, आज भारत सरकार में अत्यंत प्रभावशाली मंत्री हैं। उनका प्रशासनिक कौशल, तकनीकी समझ और दीर्घदृष्टि ने भारतीय रेलवे को घाटे से निकालकर मुनाफे में लाया है और उसे 21वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल बनाया है।
वे न केवल मारवाड़ की शान हैं, बल्कि भारत के भविष्यवादी नेतृत्व के प्रतीक भी हैं।