बालोतरा नगर परिषद के द्वारा सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन निजी रिसोर्टों में करवाया जाना एक गंभीर मुद्दा बन गया है। जबकि नगर परिषद के पास स्वयं के कई भवन उपलब्ध हैं, इसके बावजूद कार्यक्रमों को चुनिंदा निजी रिसोर्टों में करवाया जा रहा है, जिससे रिसोर्ट मालिकों को भारी लाभ पहुँचाया जा रहा है।
नगर परिषद के भवनों की उपेक्षा
बालोतरा नगर परिषद के पास टाउन हॉल से लेकर कई सामाजिक भवन उपलब्ध हैं। इन भवनों का उपयोग सरकारी कार्यक्रमों के लिए किया जा सकता है, जो जनता के टैक्स से प्राप्त धन का सही उपयोग होता। लेकिन इसके बावजूद, सरकारी कार्यक्रमों को निजी रिसोर्टों में आयोजित करना इस बात का संकेत है कि कुछ अधिकारी इस व्यवस्था से लाभ उठा रहे हैं।
अधिकारी और निजी रिसोर्ट मालिकों का गठजोड़
इस पूरी व्यवस्था में, अधिकारियों और निजी रिसोर्ट मालिकों के बीच एक मजबूत गठजोड़ दिखाई देता है। सरकारी कार्यक्रमों को चुनिंदा रिसोर्टों में आयोजित करने से उन रिसोर्ट मालिकों को सीधे आर्थिक लाभ पहुँच रहा है। इस चाँदी कूटने की प्रक्रिया में अधिकारी हथौड़ा बनते जा रहे हैं, जो एक बड़ी चिंता का विषय है।
बाड़मेर नगर परिषद का सकारात्मक उदाहरण
वहीं दूसरी ओर, बाड़मेर नगर परिषद अपने सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सार्वजनिक टाउन हॉल का उपयोग कर रही है। यह एक सकारात्मक उदाहरण है कि किस प्रकार जनता के धन का सही उपयोग किया जा सकता है। बाड़मेर में टाउन हॉल का उपयोग करना यह दर्शाता है कि सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन में पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन को महत्व दिया जा रहा है।
जनता के धन की फ़िज़ूलख़र्ची
जब नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता होती है, तो नगर परिषद अक्सर “फंड की कमी” का हवाला देकर टालमटोल करती है।
जनता के टैक्स से प्राप्त धन को इस तरह से फ़िज़ूलख़र्ची में उपयोग करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
बालोतरा नगर परिषद द्वारा सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन निजी रिसोर्टों में करवाना एक गंभीर मुद्दा है, जो जनता के धन के दुरुपयोग और अधिकारियों द्वारा निजी लाभ के लिए की जा रही साजिश को उजागर करता है। इस मामले की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जनता के धन का सही उपयोग हो और सरकारी कार्यक्रम नगर परिषद के भवनों में आयोजित किए जाएं, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।