Balotra News: बालोतरा जिले के पादरू में दर्जियों का बास में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया। गांव के 45 वर्षीय अशोक कुमार की अचानक सड़क पर चलते-चलते तबीयत बिगड़ गई और कुछ ही ही मिनटों में उनकी मौत हो गई। हार्ट अटैक को मौत का प्राथमिक कारण माना जा रहा है। घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है।

बाजार से लौटते समय अचानक सड़क पर गिरे
जानकारी के अनुसार, अशोक कुमार सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे बाजार से लौट रहे थे। जैसे ही वे बालोतरा रोड पहुंचे, अचानक सड़क पर गिर पड़े। राहगीरों ने तुरंत उन्हें पादरू अस्पताल पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर देखते हुए बालोतरा रेफर किया गया।
बालोतरा नाहटा हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उनकी ईसीजी जांच की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
तमिलनाडु में चलाते थे सिलाई की दुकान
परिजनों के अनुसार, अशोक कुमार लंबे समय से तमिलनाडु में सिलाई की दुकान चलाते थे। दीपावली से पहले वह अपने गांव पादरू आए थे और कुछ दिनों के लिए यहीं रुके हुए थे।
3 दिसंबर को उनका वापस तमिलनाडु लौटने का टिकट भी था, लेकिन उससे पहले ही यह दर्दनाक घटना हो गई।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अशोक कुमार अपने पीछे चार बच्चे छोड़ गए हैं—दो बेटे (ललित, जेमिन) और दो बेटियां (रानी, किरण)। परिजनों का कहना है कि बड़े तीनों बच्चों ने पढ़ाई पहले ही छोड़ दी थी। पूरा परिवार कई सालों से तमिलनाडु में रह रहा था।
दुख की बात यह है कि अशोक के छोटे भाई प्रकाश की भी चार महीने पहले मौत हो चुकी है। प्रकाश के तीन बच्चे अभी पादरू गांव में रह रहे हैं। दो बेटों की लगातार मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर लगा विराम
गांव के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, पादरू दर्जियों का बास में सती माता मंदिर का जीर्णोद्धार चल रहा था। 50 परिवारों के सहयोग से मंदिर का नवनिर्माण कराया गया था, और 26–27 नवंबर को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना था।

लेकिन अशोक कुमार की अचानक मौत से पूरा गांव शोक में डूब गया है। समाज के लोगों ने दुख की इस घड़ी को देखते हुए कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
गांव में शोक और स्तब्धता
अशोक कुमार की अचानक मौत ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। गांव में शोक की लहर है और हर कोई इस असमय मृत्यु से स्तब्ध है। परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं और गांव के लोग लगातार उनके घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं।








