स्थानीय पुराना ओसवाल भवन मे अणुव्रत समिति जसोल के तत्वावधान मे अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्या शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा (देवगढ)अदि ठाणा 4 सानिध्य मे पहला दिन साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस के रूप में मनाया गया।
सर्व प्रथम नवरात्रि स्थापना के नह्वान्हिक अनुष्ठान के पश्चात अणुव्रत समिति की महिलाओ ने अणुव्रत गीत से मंगलाचरण किया। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रभारी भुपतराज कोठारी ने अणुव्रत संकल्प के बारे मे जानकारी प्रदान की।
साध्वी ध्यानप्रभा, साध्वी श्रुतप्रभा ने गीत के द्वारा भाव व्यक्त किये। मुख्य अतिथि सेन्ट पोल स्कूल के फादर रौनाड ने कहा की मानव जाति के लिए आपसी सौहार्द या सद्भाव होना अत्यंत आवश्यक है, आज सभी साम्प्रदायिक शब्द के अर्थ से परिचित है, आपसी भाई चारा प्रेम भाव बना रहे। ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहन अस्मिता दीदी भाव व्यक्त करते कहा सभी सम्प्रदायो धर्मो को एक मानकर चल कर हमे सभी को मानव कल्याण की बात सोचनी चाहिए। हर मनुष्य का मन शुद्ध निर्मल प्रेम सद्भाव पूर्ण होना चाहिए। मौलाना शौकत अली अकबरी ने भाव व्यक्त किए धर्म एक ही है केवल मानव धर्म राम रहीम केशव करीम अल्लाह शब्द सभी एक है ईश्वर एक ही है पर उसके नाम अलग अलग हो सकते है। आपस मे सौहार्द भाव रखकर आपस मे एक मानकर तथा अच्छी बात को स्वीकार कर मानव धर्म के अलावा कोई धर्म या संप्रदाय ही नही होता।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी सत्यप्रभा ने कहा कि अणुव्रत अनुशासता आचार्य श्री तुलसी ने राष्ट्र के अहिंसक ओर नैतिक चरित्र निर्माण के लिए अणुव्रत आन्दोलन का प्रवर्तन किया अणुव्रत का लक्ष्य है जाति, संप्रदाय, लिंग, वर्ग, भाषा और प्रान्त के भेदो को मिटाकर मानव मात्र मे मानवता की भावना पैदा करना। आचार्य श्री तुलसी मानवतावादी कार्यक्रम को लेकर जनता के बीच गए इन्सान पहले इन्सान फिर हिन्दु या मुसलमान यह नारा उन्होने राष्ट्रीय एकता और मानवता की भावना देश भर मे जगाने के दिया था। आज साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अधिक आवश्यकता है। ब्रम्हाकुमारी आश्रम उमा दीदी ने अणुव्रत के बारे मे विचार व्यक्त किए। आभार व्यक्त तेरापंथ सभा के अध्यक्ष उषभराज तातेड़ ने किया वंही कार्यक्रम का सफल संचालन मन्त्री सफरु खान ने किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथियो का अणुव्रत दुपटा पहनाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर भँवरलाल भन्साली, गौतमचंद सालेचा, मोतीलाल जीरावला, मोतीलाल गान्धी मेहता, बाबूलाल बोकड़िया, अकरम खान, जेठमल बुरड, मुस्लिम समाज अध्यक्ष याकुब खान, लियाकत खान इकबाल खान, माणकचंद संखलेचा, सम्पतराज चौपड़ा, बाबूलाल छाजेड़, पवनकुमार छाजेड़, डुंगरचनद बागरेचा, लीलादेवी सालेचा, मीनादेवी गोलेच्छा, मंजूदेवी डोसी सहित गणमान्य नागरिक उपस्तिथ थे।