वंदे भारत पार्क: उद्घाटन के 4 दिन में ही झूले टूटे, लोगों ने उठाए गंभीर सवाल
बालोतरा के वंदे भारत पार्क में उद्घाटन के सिर्फ चार दिन बाद ही दो झूले टूट गए, जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इस घटना के बाद झूलों की गुणवत्ता पर लोग सवाल उठा रहे हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये झूले पुराने और खराब हालत में हैं, जैसे इन्हें भंगार से लाकर लगाया गया हो।
मुख्य द्वार पर रखे कंक्रीट ब्लॉक से लोग चोटिल हो रहे हैं, जबकि पार्क की सफाई और रखरखाव पूरी तरह से लापरवाह दिख रहा है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि झूलों की गुणवत्ता की जांच की जाए और पार्क की स्थिति में सुधार लाया जाए।
18 नवंबर को हया था पार्क का उद्घाटन
बालोतरा: बालोतरा में निर्मित वंदे भारत पार्क का उद्घाटन सोमवार को किया था । यह पार्क स्विट्जरलैंड की एग्रीकल्चर कंपनी सिंजेन्टा के सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड से निर्मित हुआ है। इस परियोजना का शिलान्यास 16 फरवरी 2024 को तत्कालीन सांसद कैलाश चौधरी ने किया था।
पार्क की विशेषताएं
वंदे भारत पार्क को पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। यह पार्क आधुनिक सुविधाओं, हरी-भरी हरियाली, और बच्चों के खेल क्षेत्र से सुसज्जित है।
सीएसआर फंड क्या है?
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) का मतलब है कि कंपनियां अपनी कमाई का एक हिस्सा समाज के कल्याण के लिए खर्च करती हैं। इसका उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और वंचित समुदायों की सहायता करना है।
भारत में, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत, यह अनिवार्य है कि जिन कंपनियों का:
1. वार्षिक टर्नओवर ₹1,000 करोड़ से अधिक है,
2. शुद्ध मूल्य ₹500 करोड़ से अधिक है, या
3. वार्षिक लाभ ₹5 करोड़ से अधिक है,
वे अपने पिछले तीन वर्षों के औसत लाभ का कम से कम 2% सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करें।
सीएसआर फंड का उपयोग किन कार्यों में हो सकता है?
• शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वच्छता में सुधार।
• पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता।
• गरीब और वंचित समुदायों का उत्थान।
• ग्रामीण विकास परियोजनाएं।
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