बालोतरा में दिल्ली जैसे हालात: AQI 400 पार, सांस और आंखों में जलन से लोग बेहाल

शहर में उड़ती धूल और औद्योगिक प्रदूषण ने बिगाड़ी हवा की गुणवत्ता

MOX RATHORE

राजस्थान का बालोतरा इन दिनों खतरनाक वायु प्रदूषण की चपेट में है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंचते ही हालात दिल्ली जैसे हो गए हैं। सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, खांसी और गले में खराश की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। शहर के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई है, जिससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ रहा है।

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नेहरू कॉलोनी–भगत सिंह सर्किल में AQI सबसे खराब

शहर में अलग-अलग स्थानों पर की गई AQI जांच में चिंताजनक आंकड़े सामने आए।

  • नेहरू कॉलोनी: पीएम 2.5 – 395, पीएम 10 – 458
  • डागा हॉस्पिटल गली: पीएम 2.5 – 408, पीएम 10 – 473
  • खेड़ रोड: पीएम 2.5 – 406, पीएम 10 – 470
  • औद्योगिक क्षेत्र: पीएम 2.5 – 315, पीएम 10 – 365
  • रबारियों का टांका: पीएम 2.5 – 234, पीएम 10 – 271
  • गायत्री चौक: पीएम 2.5 – 167, पीएम 10 – 193

सामान्य दिनों में बालोतरा का AQI 100–150 रहता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में यह गंभीर असर (Severe) की श्रेणी में पहुंच चुका है।

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दो साल से AQI मॉनिटरिंग संयंत्र का इंतजार, पारदर्शिता पर सवाल

दिसंबर 2023 में 2 करोड़ रुपये की लागत से AQI मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने की घोषणा हुई थी। मई 2025 में निरीक्षण भी हुआ, लेकिन दो साल बाद भी संयंत्र स्थापित नहीं हो सका। इससे शहर को वास्तविक समय का प्रदूषण डेटा नहीं मिल रहा है, और प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।

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स्वास्थ्य पर पड़ रहा गंभीर असर – डॉक्टरों की चेतावनी

PM 2.5 और PM 10 के खतरनाक स्तर पर पहुँचने से

  • सांस लेने में तकलीफ
  • आंखों में जलन
  • सिरदर्द व चक्कर
  • गले में खराश
  • बच्चों और बुजुर्गों में एलर्जी
  • अस्थमा रोगियों की हालत खराब

लोगों ने कहा कि दुकानों में रखे सामान पर धूल की मोटी परत जम रही है। व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।


WHO के मानक (AQI / PM Guidelines) – बालोतरा कितने दूर?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायु गुणवत्ता को लेकर बेहद सख्त मानक तय किए हैं।

PM 2.5 (24 घंटे औसत)

  • WHO मानक: 15 µg/m³
  • बालोतरा की स्थिति: 300–408 µg/m³
    👉 WHO मानक से 20–27 गुना ज्यादा

PM 10 (24 घंटे औसत)

  • WHO मानक: 45 µg/m³
  • बालोतरा की स्थिति: 190–473 µg/m³
    👉 WHO मानक से 4–10 गुना ज्यादा

AQI (भारत का मानक, CPCB)

  • 0–50: Good
  • 51–100: Satisfactory
  • 101–200: Moderate
  • 201–300: Poor
  • 301–400: Very Poor
  • 400+ : Severe (गंभीर) – स्वास्थ्य पर सीधा और गंभीर असर

👉 बालोतरा अभी Severe श्रेणी में है।


धूल और धुआं बना मुख्य कारण — जिम्मेदार कौन?

1. रूडिफ की अधूरी खुदाई — सड़कें बनी धूल का अड्डा

  • सीवरेज कार्य के बाद कई सड़कें अधूरी छोड़ दी गईं
  • न डामरीकरण हुआ, न मिट्टी की लेवलिंग
  • न ही नियमित पानी का छिड़काव
  • वाहनों की आवाजाही से उठती धूल ने हवा को जहरीला बना दिया
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2. औद्योगिक क्षेत्र की 70 कपड़ा इकाइयां—बॉयलरों का धुआं बड़ा खतरा

  • कोयला और लकड़ी से चलने वाले बॉयलरों से लगातार धुआं
  • कई यूनिटें अनाधिकृत, सीईटीपी से कनेक्ट नहीं
  • प्रदूषित पानी खुले में बहता है
  • उद्योगों का बढ़ता विस्तार हवा में जहरीले कण बढ़ा रहा है

3. वाहनों की बढ़ती संख्या और शहरीकरण

  • बिना स्प्रे के धूल भरी सड़कें
  • बढ़ता यातायात
  • नियमों की अनदेखी
  • दिनभर हवा में मंडराती धूल की परतें

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लोगों की सेहत पर बढ़ता खतरा

डॉक्टरों के मुताबिक, PM 2.5 और PM 10 का स्तर खतरे की सीमा से कई गुना अधिक होने पर ये समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं:

  • सांस लेने में परेशानी
  • आंखों में जलन और पानी आना
  • गले में खराश व खांसी
  • सिरदर्द और थकान
  • बुजुर्गों और बच्चों में अस्थमा व एलर्जी के खतरे में वृद्धि

दुकानदारों का कहना है कि दुकानों में रखा सामान धूल से भर जाता है, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।

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प्रशासन की उदासीनता से बढ़ी समस्या

हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, पर—

  • अधूरी सड़क मरम्मत
  • कोई बड़ा एंटी-डस्ट अभियान नहीं
  • AQI स्टेशन का दो साल से इंतजार
  • औद्योगिक क्षेत्र में निगरानी का अभाव
  • प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चुप्पी

यह सब प्रदूषण पर नियंत्रण की कमी को साफ दर्शाता है।

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स्थानीय लोगों की मांग

  1. तुरंत डस्ट कंट्रोल ड्राइव चलाया जाए
  2. सीवरेज कार्य वाली सड़कों का त्वरित डामरीकरण
  3. औद्योगिक इकाइयों की सख्त जांच
  4. AQI मॉनिटरिंग स्टेशन जल्द से जल्द शुरू किया जाए
  5. प्रदूषण फैलाने वाली यूनिटों पर कार्रवाई

निष्कर्ष

बालोतरा की हवा आज गंभीर रूप से प्रदूषित है। प्रशासन की लापरवाही और अधूरे कार्यों ने शहर को धूल और धुएं के धुंध में ढक दिया है।
अगर जल्द ही मजबूत कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं।

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Mox Rathore is a dynamic professional known for his contributions to journalism, web development, art, and writing. As a news editor at Balotra News, he is committed to delivering accurate and impactful news. Additionally, he is the founder of MOX RATHORE WEB SOLUTIONS, providing innovative web development solutions.Beyond journalism and technology, Mox is also a passionate artist and writer, expressing creativity through various mediums. With a strong presence in media and digital innovation, he continues to make a mark in his field while staying rooted in his hometown, Balotra, Rajasthan.