Anek Movie: Ayushmann Khurrana ने इस बार किया हिम्मतवाला काम, Anubhav Sinha की ये फिल्म क्यों देखनी चाहिए
Ayushmann Khurrana Movie Anek Review In Hindi: अनेक (Anek Movie Story) कहानी है नॉर्थईस्ट के हमारे उन लोगों की जो हमारे होकर भी खुद को हमारा नहीं समझते, क्यों नॉर्थईस्ट के लोग खुद को इंडिया का हिस्सा नहीं समझते? क्यों वहां के कुछ लोग इंडिया से अलग होना चाहते हैं? वहां शांति बहाल करने में दिक्कत क्या है? यही कहानी है अनेक की और ये कहानी कहनी बहुत जरूरी है. ये हमारे अपने लोगों की कहानी है, जिसे कहा जाना चाहिए और दमदार तरीके से कहा गया है.
कमी और ताकत- फिल्म की कमी ये है कि ये फिल्म थोड़ी हैवी और स्लो है. ये मसाला एंटरटेनटर नहीं है तो अगर आप मसाला फिल्मों को शौकीन हैं तो इस फिल्म से निराश हो सकते हैं. आपको फिल्म बोरिंग लग सकती है, लेकिन कहीं ना कहीं आप वो दर्द महसूस करते हैं जो ये फिल्म आपको महसूस करना चाहती हैं. एक सीन में जब हरियाणा की एक बॉक्सर एंड्रिया से कहती हैं कि इंडिया तेरे बाप का है तो एंड्रिया उसे पंच मारकर कहती हैं कि इंडिया किसी के बाप का नहीं हैं. इंडिया सबका है. ये कहानी हमारे अपने लोगों की है जिसे कहना जरूरी था और अच्छे से कहा गया है. बस ये फिल्म सबके लिए नहीं है, लेकिन अगर इस फिल्म की गहराई को समझेंगे तो आयुष्मान खुराना और डायरेक्टर अनुभव सिन्हा दोनों की तारीफ करेंगे.
डायरेक्शन- अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) का डायरेक्शन अच्छा है. बस वो फिल्म में अगर थोड़ा सा एंटरटेनिंग फैक्टर और ले आते तो इस फिल्म का दायरा बढ़ जाता है, लेकिन एक निर्देशक के लिए तौर पर ऐसी फिल्म में ये करना काफी मुश्किल था.
कमी और ताकत- फिल्म की कमी ये है कि ये फिल्म थोड़ी हैवी और स्लो है. ये मसाला एंटरटेनटर नहीं है तो अगर आप मसाला फिल्मों को शौकीन हैं तो इस फिल्म से निराश हो सकते हैं. आपको फिल्म बोरिंग लग सकती है, लेकिन कहीं ना कहीं आप वो दर्द महसूस करते हैं जो ये फिल्म आपको महसूस करना चाहती हैं. एक सीन में जब हरियाणा की एक बॉक्सर एंड्रिया से कहती हैं कि इंडिया तेरे बाप का है तो एंड्रिया उसे पंच मारकर कहती हैं कि इंडिया किसी के बाप का नहीं हैं. इंडिया सबका है. ये कहानी हमारे अपने लोगों की है जिसे कहना जरूरी था और अच्छे से कहा गया है. बस ये फिल्म सबके लिए नहीं है, लेकिन अगर इस फिल्म की गहराई को समझेंगे तो आयुष्मान खुराना और डायरेक्टर अनुभव सिन्हा दोनों की तारीफ करेंगे.
डायरेक्शन- अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) का डायरेक्शन अच्छा है. बस वो फिल्म में अगर थोड़ा सा एंटरटेनिंग फैक्टर और ले आते तो इस फिल्म का दायरा बढ़ जाता है, लेकिन एक निर्देशक के लिए तौर पर ऐसी फिल्म में ये करना काफी मुश्किल था.