बालोतरा।
जोधपुर की कपड़ा इकाइयों से निकलने वाला रासायनिक पानी लंबे समय से डोली, अराबा, कल्याणपुर सहित दर्जनों गांवों के लिए अभिशाप बना हुआ है। खेती-बाड़ी बर्बाद हो रही है, पेयजल दूषित हो रहा है और ग्रामीण मच्छरों व बीमारियों से जूझ रहे हैं। सरकार और प्रशासन से लगातार गुहार लगाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी के विरोध में रविवार देर रात राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के बैनर तले ‘जोजरी बचाओ महारैली’ का आयोजन डोली गांव से हुआ, जिसका नेतृत्व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने किया।
हजारों लोग जुटे, रात को डोली से बालोतरा कूच
रैली में हजारों ग्रामीण शामिल हुए और देखते ही देखते यह एक जनआंदोलन का रूप ले गई। रात करीब 1:30 बजे बेनीवाल समर्थकों के साथ डोली से बालोतरा जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुए। रास्ते में प्रशासन ने रोकने के लिए बैरिकेड्स और भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया, लेकिन सैकड़ों वाहनों का काफिला बाधाएं पार करते हुए सुबह 2 बजे कलेक्ट्रेट पहुंच गया।

कलेक्ट्रेट पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और जोरदार घेराव किया। माहौल देर रात भी आक्रोश और नारों से गूंजता रहा।
प्रशासन से आधी रात को वार्ता
सूचना मिलते ही कलेक्टर सुशील कुमार यादव और एसपी रमेश कुमार मौके पर पहुंचे। उनके साथ एसडीएम अशोक कुमार विश्नोई, एएसपी गोपालसिंह भाटी और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। रालोपा की ओर से सांसद हनुमान बेनीवाल, थानसिंह डोली समेत प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की।
करीब आधे घंटे चली वार्ता के बाद सहमति बनी कि –
- गंदे पानी की आवक तुरंत रोकी जाएगी।
- नए पानी की सप्लाई बंद होगी।
- समस्या के स्थायी समाधान के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर निस्तारण की प्रक्रिया शुरू होगी।
वार्ता के बाद बेनीवाल ने सुबह 4 बजे अनिश्चितकालीन धरना समाप्त करने की घोषणा की।
बेनीवाल ने साधा नेताओं पर निशाना
धरना स्थल पर बेनीवाल ने कहा –
- “अगर बाड़मेर-बालोतरा के नेताओं में दम होता, तो मुझे कलेक्ट्रेट का घेराव नहीं करना पड़ता। विपक्ष सो रहा है।”
- “डोली-अराबा-कल्याणपुर सहित 60-70 गांवों की हालत मच्छरों के काटने और गंदे पानी से बेहद खराब है। महिलाएं और बच्चे बीमार हो रहे हैं, किसानों की जमीन बंजर हो रही है।”
- “कांग्रेस हो या भाजपा, सबने केवल भाषण दिए और लालीपॉप थमाया। अब रालोपा ठोस समाधान कराएगी।”
“यह अब प्रदेशव्यापी आंदोलन”
बेनीवाल ने कहा कि जोजरी आंदोलन केवल डोली का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का आंदोलन बन चुका है। जब तक प्रभावित गांव गंदे पानी से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाते, यह संघर्ष जारी रहेगा।
उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा पर भी निशाना साधते हुए कहा –
- “भजनलाल का रिमोट कंट्रोल दिल्ली में है, कभी संघ कार्यालय तो कभी ब्यूरोक्रेट्स इसे चलाते हैं।”
- “15 अगस्त को सरकार पूरी जोधपुर में थी, तब घोषणा करनी चाहिए थी कि इतने दिन में डीपीआर तैयार होगी। अगर ऐसा होता तो आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ती।”
विरोधियों और मंत्रियों पर कटाक्ष
- मंत्री जोराराम कुमावत के बयान – “जो पानी आ रहा है, उसका स्वागत करो” – पर बेनीवाल ने कहा कि “वे सीधे इंसान हैं, गलत समझ गए होंगे, लेकिन बुरे नहीं हैं।”
- केके विश्नोई पर तंज कसते हुए बोले – “उन्हें सब कुछ मिल गया है, इसलिए भजनलाल की भजन ही करते हैं।”
- प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ पर कहा – “दिल्ली वाले उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लेते, वे पहले भाजपा विरोध में थे और बाद में सौदेबाजी कर फिर शामिल हो गए।”
बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद
इस मौके पर कलेक्ट्रेट परिसर और आसपास हजारों ग्रामीण मौजूद रहे। प्रशासनिक अधिकारियों ने देर रात सड़क पर आकर रालोपा नेताओं से वार्ता की और ज्ञापन लिया। साथ ही चेतावनी दी कि यदि वादों पर अमल नहीं हुआ तो संघर्ष और भी उग्र होगा।
निष्कर्ष:
बालोतरा के डोली गांव से शुरू हुआ जोजरी बचाओ आंदोलन अब प्रदेशव्यापी जनआंदोलन का रूप ले चुका है। ग्रामीणों की पीड़ा और आक्रोश सरकार तक पहुंच चुकी है। अब देखना होगा कि प्रशासन अपने वादों को कब तक हकीकत में बदलता है।