मानसून का सीजन करीब आ रहा है, लेकिन बालोतरा शहर में जल निकासी व्यवस्था बदहाल स्थिति में है। शहर के मुख्य नाले जाम हैं और सीवरेज सिस्टम भी अपर्याप्त और खराब स्थिति में है। ऐसे में, थोड़ी भी बारिश से शहर में जलभराव की आशंका बढ़ जाती है।
इस साल थार में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी थी, जिसके चलते इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून में भी भारी बारिश हो सकती है।
बालोतरा शहर की जल निकासी व्यवस्था की न्यूनतम दर्जे की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि पहली ही बारिश में शहर जलमग्न हो सकता है।
शहर के मुख्य नाले में कई जगहों पर ब्लॉकेज हो गए हैं और सीवरेज सिस्टम भी सीमित स्थानों पर ही मौजूद है। नगर परिषद की अनदेखी के कारण इनकी सफाई और रखरखाव नहीं हो पा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार थार क्षेत्र का तापमान 54 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जिसके परिणामस्वरूप बारिश अधिक होने की संभावना है। ऐसे में अगर नालों की सफाई और देखरेख समय पर नहीं की गई, तो गंदे पानी के साथ शहर के जलमग्न होने का खतरा बढ़ जाएगा।
नगर परिषद पर आरोप है कि वह अपने फंड का अधिकांश हिस्सा फिज़ूलखर्ची पर व्यय कर रही है और मूलभूत सुविधाओं तथा आपदा से पूर्व की तैयारियों के लिए आवश्यक कार्यों पर ध्यान नहीं दे रही है। परिषद के इस लापरवाह रवैये के कारण शहर के निवासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
स्थानीय नागरिकों ने नगर परिषद से अपील की है कि वह तुरंत नालों की सफाई और सीवरेज सिस्टम की मरम्मत का कार्य आरंभ करे ताकि मानसून के दौरान जलभराव की स्थिति से बचा जा सके। समय रहते उचित कदम न उठाए जाने पर आने वाली बारिश शहर के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकती है।
इस स्थिति में नगर परिषद को चाहिए कि वह प्राथमिकता के आधार पर नालों और सीवरेज सिस्टम की सफाई और मरम्मत कार्य को पूर्ण करे ताकि बालोतरा शहर को संभावित आपदा से बचाया जा सके। शहरवासियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह कार्य अत्यंत आवश्यक है।