बालोतरा: मानसून के बाद शहर में मच्छरों और कीट- पतंगों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे नागरिकों की सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। विद्युत कटौती और नगर परिषद की निष्क्रियता से समस्या और भी गंभीर हो गई है। नगर परिषद की ओर से अब तक मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए फागिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जिससे मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
रात के समय कीट-पतंगों ने खाने-पीने का माहौल भी दूषित कर दिया है, जिससे लोगों का जीवन असहज हो गया है। इन मच्छरों और कीट-पतंगों की वजह से बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल में मौसमी बीमारियों और मच्छर जनित रोगों, जैसे डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या में तीन गुना वृद्धि देखी जा रही है। अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं, और कई बार उन्हें चिकित्सक नहीं मिल पा रहे हैं।
नाहटा अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में चिकित्सकों की अनुपस्थिति ने मरीजों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। और मरीज़ों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। जब मरीज़ की तबीयत अधिक बिगड़ नहीं जाती तब तक मरीज़ को भर्ती नहीं किया जा रहा है
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ नाराजगी जताई है और जल्द से जल्द मच्छर नियंत्रण के लिए फागिंग अभियान चलाने की मांग की है। अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।