मजदूर रेखाराम मेघवाल ने REET लेवल-2 की परीक्षा पास की तपती धूप में सीमेंट का ट्रक खाली करते समय मिली जानकारी, धौलपुर पुलिस ने शेयर की कहानी
बाड़मेर के छोटे-से गांव में रहने वाले मजदूर का रीट में सिलेक्शन हो गया है। इस माह की शुरुआत में जब साइंस-मैथ्स टीचर भर्ती (रीट) का रिजल्ट आया, तब भी वह सीमेंट के कट्टे खाली कर रहा था। रीट में सलेक्शन का पता चलने पर वह खुशी से झूम उठा।
मातासर गांव निवासी रेखाराम (31) गरीब किसान का बेटा है। उसने मजदूरी करके पढ़ाई और परिवार का खर्च चलाया। रेखाराम की जिद और मेहनत के आगे मंजिल छोटी हो गई। दैनिक भास्कर ने रेखाराम से बात कर जानी उसके संघर्ष की कहानी
रेखाराम के परिवार में माता-पिता, दादी और भाई-बहन और पत्नी है। रीट में सलेक्शन होने के बाद घर में खुशी का माहौल है।
रेखाराम के परिवार में माता-पिता, दादी और भाई-बहन और पत्नी है। रीट में सलेक्शन होने के बाद घर में खुशी का माहौल है।
रेखाराम ने कहा- कभी किसी को हार नहीं माननी चाहिए। मेहनत करते रहना चाहिए। कैसी भी परिस्थिति हो, उसका सामना करना चाहिए। कभी न कभी भगवान साथ देगा ही। मेरी पत्नी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है। इससे मुझे सहारा मिल गया। सोशल मीडिया और न्यूज देखता था। उससे पता चला कि रिजल्ट आने वाला है। जिस समय रिजल्ट आया, मैं धोरीमन्ना में सीमेंट की गाड़ी खाली कर रहा था। रिजल्ट का पता लगने के बाद भी मैंने सीमेंट की पूरी गाड़ी खाली की। मेरे घर में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है। मेरे साथ भाई भैराराम भी काम करता था। युवाओं को मैं इतना कहना चाहूंगा कि लगातार मेहनत को जारी रखें। सफलता अपने हाथ लगेगी।
"आख़िर मेहनत कभी बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"
परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों न हो लेकिन हमें उम्मीद नहीं छोडनी चाहिए| जब रीट लेवल-2 गणित विज्ञान का परिणाम आया और रेखाराम मेघवाल का चयन हुआ तब वह तपती धूप में सीमेंट का ट्रक खाली कर रहा थे pic.twitter.com/Es9pX8Dl1K
— Dholpur Police (@DholpurPolice) June 9, 2023
घर में एक-दो झोपड़े और कुछ पक्का काम भी हो रखा है। रेखाराम ने मजदूरी करने के साथ-साथ पढ़ाई की।
घर में एक-दो झोपड़े और कुछ पक्का काम भी हो रखा है। रेखाराम ने मजदूरी करने के साथ-साथ पढ़ाई की।
जब कॉल आता तो गाड़ी खाली करने चला जाता
रेखाराम ने बताया- मेरे मोबाइल नंबर गाड़ी वालों के पास रहते हैं। गाड़ी वाले सीमेंट और ईंट लेकर आते हैं। गाड़ी खाली करवाने के लिए फोन करते थे। साल 2014 से 2020 तक लगातार काम किया। पढ़ाई साथ में चल रही थी। इसके बाद जब भी गाड़ी खाली करने के लिए कॉल आता था तो मैं गाड़ी खाली करने चला जाता था। पहले सीमेंट के हर कट्टे के तीन रुपए देते थे। अभी साढ़े तीन रुपए देते हैं। गाड़ी में कभी 500 से 1000 कट्टे होते थे। इन्हें खाली करने के लिए दो से चार आदमी लगते थे। खाली करने में करीब तीन घंटे लगते थे। उसके बाद बाड़मेर शहर में रहकर पढ़ाई करता था। रुपए इकट्ठे करके बीएड की फीस भरी थी।
रेखाराम (दाएं) को सीमेंट की गाड़ी खाली करने के दौरान रिजल्ट का लगा पता।
रेखाराम (दाएं) को सीमेंट की गाड़ी खाली करने के दौरान रिजल्ट का लगा पता।
2020 से शुरू की तैयारी
रेखाराम ने बताया- मैंने 2020 में रीट की तैयारी शुरू की थी। 2021 रीट में 120 नंबर आए थे। वह परीक्षा रद्द हो गई। इसके बाद से लगातार रीट की तैयारी कर रहा हूं।
पोते के सलेक्शन के बाद दादी ने कहा- बहुत खुशी हो रही है। हमारे परिवार में कोई सरकारी नौकरी में नहीं है।
पोते के सलेक्शन के बाद दादी ने कहा- बहुत खुशी हो रही है। हमारे परिवार में कोई सरकारी नौकरी में नहीं है।
2014 में शादी, पत्नी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
रेखाराम की शादी सुरतीदेवी के साथ 2014 में हुई थी। बीए कर रखी है। 2021 से मातासर गांव में ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर लगी हुई हैं। रेखाराम का कहना है कि इससे मुझे और मेरे परिवार को बहुत मदद मिली है।
पिता दमाराम बोले- बेटे ने मजदूरी करके पढ़ाई की और घर का खर्चा भी चलाया।
पिता दमाराम बोले- बेटे ने मजदूरी करके पढ़ाई की और घर का खर्चा भी चलाया।
बाड़मेर कॉलेज से की बीएसएसी
रेखाराम का कहना है कि मैंने 8वीं तक स्कूली शिक्षा मातासर गांव से की थी। 9वीं और 10वीं की पढ़ाई रावतसर सरकारी स्कूल से की थी। इसके बाद हमारे समाज के समाजसेवी तगाराम खती ने सीकर जिले में 11वीं कक्षा (साइंस) में मेरा एडमिशन करवा दिया। 12वीं बोर्ड के एग्जाम दिए। बाड़मेर कॉलेज से मैंने बीएससी की। इसके बाद मेरा नंबर बीएड में आ गया। जोधपुर से बीएड की थी।
धौलपुर पुलिस ने भी रेखाराम के बारे में ट्वीट किया।
धौलपुर पुलिस ने भी रेखाराम के बारे में ट्वीट किया।
पिता किसान, सबसे बड़ा बेटा है रेखाराम
रेखाराम के पिता दमाराम किसान हैं। माता केसरी देवी गृहिणी हैं। रेखाराम के चार भाई भैराराम (29), आदूराम (27), पूसाराम (18), भीयाराम (15) हैं और तीन बहनें हैं। तीनों बहनों और दो भाइयों की शादी भी हो गई है।