- 101 मीटर का स्वीप फड़: मतदान जागरूकता का अनूठा नवाचार
- स्वीप कॉर्डिनेटर डॉ. रामेश्वरी चौधरी का नेतृत्व
- ज्ञान दिशा स्कूल के बच्चों ने बनाया
- फड़ पर वरली डिज़ाइन से मतदान के पहलुओं को आसान बनाया
- फड़ से बच्चों में भी बढ़ेगी मतदाता जागरूकता
भारतीय लोकतंत्र की नींव मतदान है। हर मतदाता के एक वोट से देश की सरकार बनती है। इसलिए, हर मतदाता को मतदान के अधिकार और महत्व के बारे में जागरूक होना चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा कई कार्यक्रम और अभियान चलाए जाते हैं।
हाल ही में, राजस्थान के एक जिले में मतदान जागरूकता के लिए एक अनूठा प्रयास किया गया। जिले के कलेक्टर मुख्यालय पर 101 मीटर से भी बड़े कपड़े पर एक स्वीप फड़ प्रदर्शित किया गया। इस फड़ पर मतदान के विभिन्न पहलुओं को वरली डिज़ाइन में उकेरा गया है।
स्वीप फड़ का अनावरण जिला कलेक्टर राजेंद्र विजय ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह फड़ मतदान जागरूकता के लिए एक अनूठा नवाचार है। इस फड़ से लोगों को मतदान के अधिकार और महत्व के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह फड़ पूरे देश में पूर्ण मतदान करने की प्रेरणा देगा।
स्वीप फड़ बनाने का नेतृत्व स्वीप कॉर्डिनेटर डॉ. रामेश्वरी चौधरी ने किया। उन्होंने बताया कि इस फड़ को बनाने में ज्ञान दिशा स्कूल के बच्चों ने बहुत मेहनत की है। उन्होंने कहा कि फड़ पर वरली डिज़ाइन का उपयोग किया गया है क्योंकि यह राजस्थान की एक प्राचीन लोक कला है।
समाजसेवी ओम बाँठिया ने कहा कि इस फड़ से बच्चों में भी मतदाता जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने परिजनों को भी मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।
ज्ञान दिशा स्कूल के संस्था प्रधान विशाल पटवारी ने बताया कि इस फड़ को बनाने में कक्षा 3 और 4 के बच्चों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि फड़ पर बनी डिज़ाइन इस सोच से बनी है कि कोई भी फड़ देखने वाला व्यक्ति मतदान के पहलुओं को आसानी से समझ सके।
यह फड़ मतदान जागरूकता के लिए एक अनूठा और सराहनीय प्रयास है। यह फड़ लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करने में मदद करेगा और पूर्ण मतदान को बढ़ावा देगा।
फड़ से होने वाले लाभ:
- लोगों को मतदान के अधिकार और महत्व के बारे में जानकारी मिलेगी।
- लोगों को मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिलेगी।
- लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- पूर्ण मतदान को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है फड़ चित्रकला?
फड़ चित्रण का उदय मेवाड़ राज्य में 700 वर्ष पूर्व माना जाता है. कपड़े पर प्रचलित लोक गाथाओं का चित्रण को पुरातन पट्ट चित्रण कहते हैं. इस चित्रण को राजस्थानी भाषा में फड़ कहते हैं. फड़ चित्रण में एक साथ लोक नाट्य, गायन, वादन, मौखिक साहित्य, चित्रकला और लोकधर्म का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है. फड़ चित्रण के माध्यम से किसी लोक देवताओं व लोक नायकों की कथा कहना है, जो उनके के जीवन में घटित घटनाओं हुईं. जिनमें प्रमुख हैं पाबूजी, रामदेवजी, देवनारायणजी, भगवान कृष्ण एवं दुर्गा माता. फड़ की लम्बाई अधिक और चौड़ाई कम होती है. फड़ का वाचन भोपे करते हैं.
फड़ कला में:
- लोक कथाओं का वर्णन
- धार्मिक ग्रंथों को दर्शाया जाता है
- लोक नायक देव और देवनारायण
- भगवान कृष्ण और रामायण और महाभारत के दृश्य
- कला, संगीत और साहित्य की एक सम्पूर्ण संस्कृति
बालोतरा जिले में हो रहे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए एक नई और अनूठी पहल का समर्थन हो रहा है, जिसमें फड़ कला को मतदाता जागरूकता के लिए माध्यम बनाया जा रहा है. फड़, राजस्थान की प्राचीन लोक कला, अपनी कवर को बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान के महत्व को समझा रहा है.
इस पहल के तहत, 101 मीटर लंबे कपड़े पर बनाए गए चित्रों और गीतों से लोगों को मतदान के महत्व की बात की जा रही है. फड़ कला के माध्यम से लोक गाथाओं, गीतों, और नाट्य मंचन के साथ लोक देवताओं की कहानियों का चित्रण किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण लोगों को मतदान प्रक्रिया के बारे में समझाया जा रहा है.
फड़ कला का महत्व इस अभियान में विशेष रूप से उजागर हो रहा है. गांवों में जाकर लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए लोक कलाकार और स्कूली छात्र-छात्राएं फड़ कला का उपयोग कर रहे हैं. इस अभियान को शुरुआत करने वाली स्वीप कोर्डिनेटर डॉ. रामेश्वरी चौधरी ने बताया कि फड़ कला ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता को बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम है.
इस अभियान के परिणामस्वरूप, लोगों को मतदान प्रक्रिया को समझाने में सुधार हो रहा है. मतदाताओं को अपना नाम जांचना, मतदान दिवस पर मतदान केंद्र जाना, मतपत्र पर सही उम्मीदवार को चुनना और मतदान के बाद मतपेटी में मतपत्र डालने जैसी प्रक्रियाएं फड़ कला के माध्यम से सरलता से समझाई जा रही हैं.
बालोतरा जिले के कलेक्टर राजेन्द्र विजय ने इस अभियान की सराहना की है और कहा है कि फड़ कला के माध्यम से मतदाता जागरूकता अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने इसे एक अच्छी पहल के रूप में स्वीकारा है और आशा की है कि इससे लोगों के बीच में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी.
इसी प्रकार, फड़ कला के माध्यम से चलाए जा रहे मतदान जागरूकता
अभियान ने ग्रामीण क्षेत्रों में एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाया है. इससे न केवल मतदाताओं को सही दिशा में मार्गदर्शन हो रहा है, बल्कि इससे सामाजिक सशक्तिकरण और राजनीतिक सजगता में भी सहायक हो रहा है.
निष्कर्ष:
अनूठा स्वीप फड़ मतदान जागरूकता के लिए एक प्रभावी तरीका है। यह फड़ लोगों को मतदान के बारे में जागरूक करने और पूर्ण मतदान को बढ़ावा देने में मदद करेगा।