इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। यह एक नया तरह का साइबर क्राइम है जिसमें ठग आपको पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल करते हैं और आपको डरा-धमकाकर आपके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट में साइबर अपराधी आपको वीडियो कॉल करके बताते हैं कि आपके खिलाफ कोई केस दर्ज हुआ है और आपको गिरफ्तार किया जाएगा। वे आपको डराते हैं और कहते हैं कि आप अपराध में लिप्त है उनके पास आपकी डेमोग्राफिक जानकारी उपलंध होती है आके आधार नंबर, पैन नंबर की जानकारी आपको बतायेंगे जिससे आपको उन साइबर अपराधियों पर विश्वास हो जाता है फिर आपसे रुपए की माँग की जाती है वो देने पर आपकी गिरफ्तारी टल सकती है। ऐसे में सावधान रहे तुरंत Cyber Crime Portal 1930 पर शिकायत दर्ज करवाये
कैसे बचें डिजिटल अरेस्ट से?
• कभी भी किसी अनजान नंबर से आने वाले वीडियो कॉल को न उठाएं।
• अगर आपको कोई सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करता है तो उससे उसकी पहचान के बारे में पूछें।
• कभी भी किसी को अपना OTP, बैंक डिटेल्स या अन्य व्यक्तिगत जानकारी न दें।
• अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आता है तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
• अपने मोबाइल फोन में एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
• अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें।
याद रखें:
• पुलिस कभी भी किसी को वीडियो कॉल करके गिरफ्तार नहीं करती।
• पुलिस कभी भी आपसे पैसे नहीं मांगेगी।
• अगर आपको कोई संदेह होता है तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति से सलाह लें।
निष्कर्ष:
डिजिटल अरेस्ट एक गंभीर समस्या है। लेकिन अगर आप सावधान रहते हैं तो आप इस तरह के ठगी से बच सकते हैं। ऊपर दिए गए टिप्स को फॉलो करके आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।