बालोतरा। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बालोतरा रेलवे स्टेशन पर पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान यात्री सुविधाओं और सुरक्षा पर ध्यान न दिए जाने से स्थिति भयावह हो गई है। प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर निर्माण कार्य के चलते जगह इतनी कम हो गई है कि यात्री गिरकर ट्रेनों की चपेट में आ रहे हैं। अब तक प्लेटफार्म से गिरकर एक दर्जन से अधिक यात्रियों की मौत हो चुकी है।
संकरा प्लेटफार्म बना जानलेवा
प्लेटफार्म के जोधपुर छोर पर 12 मीटर चौड़े ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है, जिससे प्लेटफार्म बेहद संकरा हो गया है। वहीं, बाड़मेर छोर पर भी पुनर्निर्माण कार्य के चलते यात्रियों के लिए केवल नाममात्र की जगह बची है। ऐसे में ट्रेन के चढ़ने-उतरने के दौरान कई बार यात्री संतुलन खो बैठते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं।
निर्माण कार्य से और बढ़ी समस्याएं
प्लेटफार्म पर निर्माण सामग्री और वाहनों की मौजूदगी से यात्री खड़े होने तक की जगह नहीं पा रहे। नई टाइल्स लगाने के कारण जगह-जगह मार्ग ऊबड़-खाबड़ हो गया है, जिससे विशेषकर रात के समय यात्रियों को चलने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
प्लेटफार्म 2 का उपयोग क्यों नहीं?
हालांकि बालोतरा स्टेशन पर प्लेटफार्म क्रमांक 2 उपलब्ध है, लेकिन रेलवे केवल ट्रेनों के मिलान के लिए इसका उपयोग कर रहा है। यात्रियों का कहना है कि अगर निर्माण कार्य की अवधि के दौरान सभी गाड़ियों को प्लेटफार्म 2 पर लिया जाए, तो भीड़ और दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
रेलवे विशेषज्ञ की राय
रेलवे विशेषज्ञ आशीष उपाध्याय ने कहा, “स्टेशन के विकास कार्य महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। प्लेटफार्म 2 का उपयोग इस दौरान अनिवार्य किया जाना चाहिए। निर्माण क्षेत्रों को सुरक्षित बैरिकेडिंग से घेरना और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करना आवश्यक है। इन कदमों से दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।”
यात्रियों की मांग
स्टेशन पर प्रतिदिन 6-7 हजार यात्री आवागमन करते हैं, ऐसे में यात्रियों और स्थानीय निवासियों ने रेलवे से मांग की है कि निर्माण कार्य के दौरान प्लेटफार्म पर सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाओं की संख्या और बढ़ सकती है।