पचपदरा रिफाइनरी से प्रदूषण की कोई शिकायत नहीं, सरकार ने उठाए कड़े कदम
राजस्थान के बालोतरा जिले के पचपदरा में निर्माणाधीन HPCL राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (HPCL-RRPL) को लेकर पर्यावरणीय चिंताओं पर संसद में उठे सवालों पर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि अब तक रिफाइनरी से प्रदूषण या पर्यावरण नियमों के उल्लंघन की कोई शिकायत नहीं मिली है।

यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा लोकसभा में सांसद उमेदा राम बेनीवाल के पूछे गए सवाल के उत्तर में दी गई।
🧐 क्या था सवाल?
सांसद उमेदा राम बेनीवाल ने मंत्रालय से पूछा कि—
- क्या पचपदरा रिफाइनरी से प्रदूषण बढ़ने की आशंका है?
- क्या इससे आम जनता के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है?
- सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए अब तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं?
- रिफाइनरी निर्माण की शुरुआत (2018) के बाद क्या कंपनियों को कोई पर्यावरणीय निर्देश दिए गए?
- क्या रिफाइनरी ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया है?
- यदि हां, तो सरकार ने क्या कार्रवाई की है?
✅ सरकार का जवाब क्या था?
पर्यावरण राज्य मंत्री भूपेंद्र यादव ने सदन को बताया कि:
- रिफाइनरी को 13 सितंबर 2017 को पर्यावरणीय मंजूरी (Environmental Clearance) दी गई थी।
- यह मंजूरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को दी गई थी, जिसे 16 जून 2023 को HPCL-Rajasthan Refinery Ltd (HPCL-RRPL) को स्थानांतरित किया गया।
- मंत्रालय द्वारा रिफाइनरी परियोजना के लिए जन-सुनवाई और विशेषज्ञ मूल्यांकन की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है।

🛡️ प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदम:
मंत्रालय ने बताया कि ऐसी परियोजनाओं के कारण प्रदूषण की संभावना को कम करने के लिए सरकार ने कई सख्त उपाय किए हैं:
- उत्सर्जन मानक तय किए गए हैं जिन्हें सभी पेट्रोलियम रिफाइनरियों को पालन करना अनिवार्य है।
- अपशिष्ट और वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली लगाना आवश्यक है।
- ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (OCEMS) के जरिए रीयल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग की जा रही है।
- संचालन के लिए कंपनियों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति (Consent to Operate) लेनी होती है।
- यदि किसी कंपनी द्वारा मानकों का उल्लंघन किया जाता है तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाती है।
📉 क्या कोई उल्लंघन हुआ?
सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि—
“अब तक उपलब्ध सूचना के अनुसार, पचपदरा रिफाइनरी या उससे जुड़ी किसी इकाई द्वारा पर्यावरण या प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है।”
📍 पृष्ठभूमि:
पचपदरा रिफाइनरी, राजस्थान सरकार और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की संयुक्त परियोजना है, जिसकी स्थापना का कार्य वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। यह रिफाइनरी राज्य की औद्योगिक प्रगति और रोजगार सृजन के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना मानी जा रही है। हालांकि, इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की संभावनाओं को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बनी रहती है।
🗣️ निष्कर्ष:
इस जवाब से साफ है कि सरकार ने रिफाइनरी के संचालन के लिए सख्त पर्यावरणीय दिशा-निर्देश तय किए हैं और वर्तमान में किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं पाया गया है। हालांकि, मंत्रालय की नजर लगातार परियोजना पर बनी हुई है और किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।