इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. चांद पर यह भारत का तीसरा मिशन है.चंद्रयान-3 मिशन में ISRO के एक हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों ने काम किया है. इसमें प्रोपल्शन मोड्यूल है. साथ ही इसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर भी है. चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का है. ISRO चंद्रयान-3 मिशन की मदद से चांद से जुड़ी कई अहम जानकारियां इकट्ठा करने की कोशिश में जुटा है. चंद्रयान-3 40 दिनों में 3.80 लाख किमी का सफर तय कर चांद पर पहुंचेगा. इससे पहले 2019 में भारत ने चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था, जो किसी गड़बड़ी की वजह से चांद की सतह पर सफल लैंडिंग नहीं कर पाया था.
ISRO चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने की कोशिश करेगा.सफल लैंडिंग होने के बाद लैंडर चांद पर रोवर को तैनात करेगा. बता दें कि इस मिशन के लिए भारत का सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 का इस्तेमाल किया जा रहा है. चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर उतरते ही भारत ऐसा करने वाले विश्व के चार देश की सूची में शामिल हो जाएगा
चंद्रयान-3 की आज लॉन्चिंग
श्रीहरिकोटा से दोपहर 2.35 बजे लॉन्चिंग
भारत बनेगा अंतरिक्ष की चौथी महाशक्ति
चंद्रमा की सतह पर उतारेंगे लैंडर विक्रम
23 या 24 अगस्त को लैंडिंग प्रस्तावित
बालोतरा के नगर परिषद् बैठक में LVM3 M4/Chandrayaan-3 मिशन के तहत चंद्रयान लॉन्च के सीधा प्रसारण का बालोतरा नगर परिषद सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ साक्षी बना।